बक्सर में मां ने तीन बच्चों के साथ खाया जहर, मां समेत 3 की मौत, एक की हालत गंभीर
बक्सर। बिहार के बक्सर जिले से मंगलवार रात एक दर्दनाक घटना सामने आई जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। नया भोजपुर थाना क्षेत्र के नया भोजपुर गांव में एक मां ने अपने तीन बच्चों के साथ जहर खा लिया। इस घटना में महिला और उसके दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीसरे बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि यह कदम घरेलू विवाद के बाद उठाया गया, जिसने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है।
घरेलू कलह बनी मौत की वजह
घटना नया भोजपुर गांव की है, जहां 30 वर्षीय सबिता देवी ने अपने तीन छोटे बच्चों — पांच वर्षीय ज्योति, तीन वर्षीय आकाश और एक वर्षीय विकास के साथ मिलकर जहरीला पदार्थ खा लिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, सबिता देवी का अपने पति सुनील कुमार से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। विवाद इतना बढ़ गया कि सबिता ने एक ऐसा कदम उठा लिया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। सुनील कुमार पेशे से राजमिस्त्री हैं और परिवार की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए मेहनत-मजदूरी करते हैं। मंगलवार की रात जब वह काम से घर लौटे, तो उन्होंने देखा कि घर के अंदर पत्नी और बच्चे बेहोश पड़े हैं।
परिजनों ने बचाने की की कोशिश, पर नहीं बची जान
घटना की जानकारी मिलते ही सुनील कुमार घबरा गए और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। उनकी आवाज सुनकर पड़ोसी दौड़कर पहुंचे। आनन-फानन में सभी को बक्सर सदर अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने सबिता देवी और उनके दो बच्चों, ज्योति और आकाश को मृत घोषित कर दिया। एक वर्षीय विकास कुमार की हालत गंभीर थी, जिसे बेहतर इलाज के लिए बक्सर से वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया।
गांव में मातम और सन्नाटा
इस हादसे के बाद पूरा नया भोजपुर गांव शोक में डूब गया है। हर कोई इस बात को लेकर हैरान है कि एक मां अपने बच्चों के साथ इतना बड़ा कदम कैसे उठा सकती है। गांव के लोगों का कहना है कि सबिता एक शांत स्वभाव की महिला थीं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से पति-पत्नी के बीच कहासुनी की बात सुनने में आ रही थी। एक पड़ोसी ने बताया, “सुनील और सबिता में अक्सर पैसों को लेकर झगड़ा होता था। परिवार आर्थिक रूप से बहुत कमजोर था। शायद इसी तनाव में सबिता ने ऐसा कदम उठा लिया।”
आर्थिक तंगी ने बढ़ाया तनाव
परिवार के करीबियों के अनुसार, सुनील कुमार घरेलू उपकरणों की मरम्मत का काम करते थे और आय का स्रोत सीमित था। इस आर्थिक तंगी के चलते परिवार में तनाव बना रहता था। कई बार सबिता ने बच्चों की परवरिश और खर्च को लेकर चिंता जाहिर की थी। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह इस समस्या का इतना भयावह समाधान चुन लेंगी। गांव की महिलाएं सबिता के इस कदम को लेकर दुखी हैं। उन्होंने कहा, “गरीबी सब पर भारी पड़ती है, लेकिन बच्चों की जान लेना और खुद को खत्म कर लेना समस्या का हल नहीं है। उसने यह नहीं सोचा कि उसका एक बच्चा बच भी गया तो उसका क्या होगा।”
पुलिस जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलते ही नया भोजपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घर की तलाशी ली और जहरीले पदार्थ के अवशेषों को जब्त किया है। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। महिला ने पहले अपने तीनों बच्चों को जहर खिलाया और फिर खुद भी जहर खा लिया। थाना प्रभारी ने कहा, “हम हर पहलू से जांच कर रहे हैं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि परिवार में किस तरह का विवाद चल रहा था। पति और पड़ोसियों से पूछताछ जारी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के सटीक कारण की पुष्टि हो सकेगी।”
समाज के लिए एक चेतावनी
यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर संदेश छोड़ती है। आर्थिक तंगी, मानसिक दबाव और घरेलू विवाद जैसे मुद्दे आज कई परिवारों के भीतर धीरे-धीरे विस्फोटक रूप ले रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि समाज को ऐसे मामलों में संवेदनशील होना होगा। पटना के मनोचिकित्सकका कहना है, “आर्थिक तंगी या वैवाहिक विवाद के कारण आत्महत्या करना समाधान नहीं है। ऐसे मामलों में परिजन और समाज को संवाद बढ़ाना चाहिए। समय पर मदद और सलाह देने से कई जिंदगियां बच सकती हैं।”
बच गया मासूम, पर जिंदगी बनी संघर्ष
इस घटना में सबिता देवी का एक वर्षीय बेटा विकास कुमार गंभीर रूप से बीमार है। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी स्थिति नाजुक है, लेकिन लगातार इलाज जारी है। परिजनों का कहना है कि अगर वह बच गया तो उसे अपनी मां और भाई-बहनों के बिना एक कठिन जीवन जीना पड़ेगा। बक्सर का यह हादसा एक परिवार की तबाही की कहानी है। सबिता देवी ने जो कदम उठाया, उसने तीन मासूम जिंदगियों को निगल लिया और एक पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। यह घटना यह भी दिखाती है कि समाज में मानसिक और आर्थिक समस्याओं को लेकर जागरूकता की कितनी जरूरत है। घरेलू कलह, गरीबी और तनाव के बीच संवाद और सहानुभूति ही ऐसे हादसों को रोकने का एकमात्र उपाय हैं। फिलहाल, पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और प्रशासन ने परिवार को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया है। लेकिन इस घटना ने नया भोजपुर गांव की शांति को हमेशा के लिए तोड़ दिया है और हर घर में यह सवाल छोड़ दिया है — क्या इतना बड़ा कदम कभी किसी समस्या का हल हो सकता है?


