दिल्ली एनसीआर में तड़के सुबह भूकंप, सीवान में भी महसूस किए गए झटके, घरों से निकले लोग

पटना। सोमवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर और बिहार के सीवान में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। दिल्ली-एनसीआर में यह झटके सुबह 5:36 बजे आए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई। झटके इतने तेज थे कि लोग डरकर अपने घरों से बाहर निकल आए। इस भूकंप के कारण किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है, लेकिन लोगों के बीच घबराहट का माहौल रहा। इसी तरह, बिहार के सीवान जिले में भी सुबह 08:02 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता भी 4.0 दर्ज की गई और इसका केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। जब भूकंप आया, तो लोगों ने अपने घरों में फर्नीचर, पंखे और दरवाजे हिलते हुए महसूस किए, जिससे वे घबराकर बाहर निकल आए। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने पहले अचानक कंपन महसूस किया, फिर सामान हिलने लगा, जिससे उन्हें समझ आ गया कि भूकंप आया है। दिल्ली-एनसीआर और सीवान में भूकंप से कोई जान-माल की हानि नहीं हुई है, लेकिन लोगों के मन में डर बैठ गया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया पर इसे “डरावना भूकंप” बताया और भगवान शिव से सबकी सुरक्षा की प्रार्थना की। इससे पहले, 7 जनवरी को बिहार के नौ जिलों—पटना, जहानाबाद, मोतिहारी, गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल और किशनगंज—में एक ही दिन में तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस दिन पहली बार भूकंप की तीव्रता 7.1 थी, दूसरी बार 3.5 और तीसरी बार 3.1 मापी गई थी। किशनगंज में भूकंप के झटकों के कारण कुछ देर के लिए ट्रेनें भी रोकी गई थीं। हाल के दिनों में बिहार और उत्तर भारत में बार-बार आ रहे भूकंप के झटके चिंता का विषय बन गए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, भूकंप की बारंबारता यह संकेत देती है कि इस क्षेत्र में धरती के अंदर प्लेटों में हलचल बढ़ रही है, जिससे भविष्य में बड़े भूकंप की संभावना भी बन सकती है। इसलिए, लोगों को सतर्क रहने और भूकंप के दौरान अपनाई जाने वाली सुरक्षा सावधानियों को जानना आवश्यक है। भूकंप के दौरान घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं। मजबूत टेबल, बेड या किसी ठोस वस्तु के नीचे छुपें और सिर को बचाएं। अगर संभव हो तो खुले मैदान की ओर भागें, लेकिन लिफ्ट का उपयोग न करें। घर के बिजली और गैस कनेक्शन को तुरंत बंद करें। किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन की सलाह का पालन करें। हालांकि इस बार किसी प्रकार की हानि नहीं हुई, लेकिन यह घटनाएं हमें भविष्य में सतर्क रहने की चेतावनी देती हैं।
