प्रदेश में कमजोर पड़ा मानसून, पटना में उमस और गर्मी से लोग परेशान, 20 के बाद बारिश की संभावना

पटना। इस वर्ष बिहार में मानसून की सक्रियता अपेक्षा के अनुरूप नहीं रही है। राज्य में बारिश की मात्रा औसत से काफी कम दर्ज की गई है, जिससे न केवल आम जनजीवन प्रभावित हुआ है बल्कि खेती-बाड़ी पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। वर्तमान में राज्य के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी और उमस भरा मौसम बना हुआ है, जो लोगों के लिए अत्यंत असहज और परेशानी का कारण बन गया है।
पटना समेत पूरे राज्य में उमस ने बढ़ाई परेशानी
राजधानी पटना और दक्षिण बिहार के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटों के दौरान बादलों और धूप की आंख-मिचौली देखने को मिली। वातावरण में नमी की अधिकता के कारण लोगों को तीव्र उमस का अनुभव हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार शनिवार को राज्य के किसी भी जिले में बारिश की संभावना नहीं जताई गई है, जिससे उमस और गर्मी का असर और बढ़ सकता है।
बारिश का अभाव और नमी युक्त हवाओं की सक्रियता
हालांकि बंगाल की खाड़ी से आ रही पुरवा हवाओं के कारण वातावरण में नमी की मात्रा अधिक है, फिर भी कोई मजबूत मानसूनी सिस्टम राज्य में सक्रिय नहीं है। न तो ट्रफ लाइन विकसित हुई है और न ही कोई कम दबाव का क्षेत्र बना है। यही कारण है कि मानसून कमजोर स्थिति में है।
20 जुलाई के बाद हो सकती है बारिश
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 20 जुलाई के बाद बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यदि यह दबाव क्षेत्र सक्रिय होता है, तो बिहार के कई जिलों में अच्छी बारिश हो सकती है। यह बारिश खेती के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि जुलाई का तीसरा और चौथा सप्ताह खरीफ फसलों और धान की रोपनी के लिए निर्णायक होता है।
तापमान में वृद्धि और मौसम की स्थिति
राजधानी पटना में शनिवार को अधिकतम तापमान 34 से 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री अधिक रहने की संभावना है। हवा की गति 8 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है और नमी का स्तर 75 प्रतिशत से अधिक बना रहेगा। आने वाले दो-तीन दिनों में राज्य के कई हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 1 से 3 डिग्री तक की वृद्धि हो सकती है, जिससे दिन के साथ-साथ रातें भी गर्म बनी रहेंगी।
वर्तमान वर्षा की स्थिति और प्रभाव
17 जुलाई को कुछ जिलों में अच्छी वर्षा दर्ज की गई, जैसे शेखपुरा में 92.4 मिमी, पटना में 92.2 मिमी, नवादा में 64.2 मिमी, नालंदा में 50.6 मिमी और वैशाली में 45.4 मिमी। लेकिन यदि पूरे मानसून सीजन की बात करें तो अब तक राज्य में मात्र 217.2 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्यतः इस समय तक 317.9 मिमी वर्षा हो जानी चाहिए थी। यानी अब तक कुल 42 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है।
खेती पर संभावित प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आने वाले 10 से 15 दिनों में मानसून सक्रिय नहीं हुआ, तो इसका सीधा असर खेती पर पड़ेगा। धान की रोपाई और अन्य खरीफ फसलों के लिए यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्षा की कमी से जल स्रोतों पर दबाव बढ़ेगा और किसान सिंचाई के लिए विकल्पहीन हो सकते हैं, जिससे कृषि उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है। बिहार में मानसून की यह कमजोर स्थिति एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है, जिससे आम नागरिक के साथ-साथ किसान वर्ग भी अत्यंत चिंतित है। सभी की निगाहें अब 20 जुलाई के बाद बनने वाले संभावित दबाव क्षेत्र पर टिकी हुई हैं।

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