बिहार विधानसभा में मंत्री रामसूरत राय का ऐलान : भूमिहीनों को मिले जगह का नाम होगा मोदी और नीतीश नगर, स्पीकर के बयान पर भड़के तेजस्वी

पटना। बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र गुरूवार को समाप्त हो गया। सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। आज अंतिम दिन भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने विधानसभा में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध कराकर उस जगह का नाम नीतीश और मोदी पर रहेगा। हम बांका से इसकी शुरूआत करने जा रहे हैं। इससे पहले ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर विपक्ष का हंगामा अंतिम दिन भी जारी रहा। विधायकों ने सदन में प्रधानमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नारेबाजी से नाराज उपमुख्यमंत्री ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि सदन में प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी कार्यवाही में शामिल नहीं होगी।
स्पीकर के बयान पर भड़के तेजस्वी
वहीं गुरूवार को 2 बजे के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, फिर भी विपक्ष ने हंगामा जारी रखा। विपक्षी दल के विधायक विरोध करते-करते बेल में पहुंचे गए। उनके प्रदर्शन पर स्पीकर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप लोग चार दिनों से सदन को डिस्टर्ब कर रहे हैं। इसी बीच तेजस्वी यादव भी सदन में पहुंचे। जहां हंगामे के बीच में तेजस्वी यादव सदन में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें ये कहकर बैठा दिया कि जब तक आपके विधायक अपनी सीट पर नहीं बैठेंगे तब तक आपको समय नहीं दिया जाएगा। इसी बात पर तेजस्वी यादव उखड़ गए और ये कहकर निकल गए कि लगता है कि आपको हमारी जरूरत नहीं है। बाद में बात को संभालते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा ऐसा नहीं है। सभी सरकार के अंग हैं और मैं चाहता हूं कि सदन में आप सभी रहे। लेकिन इसके बावजूद तेजस्वी और उनके विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।


विधानसभा में विपक्ष ने समानांतर चलाया सदन
सदन से वाकआउट के बाद विधानसभा के ही एक कमरे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत विपक्षी विधायकों की मौजूदगी में सदन की सामानांतर कार्रवाई चलाई गई। इसमें विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी राजद विधायक अवध बिहारी चौधरी ने संभाली और तेजस्वी यादव नेता सदन चुने गए। जिस तरह से सामान्य सदन चलता है, बिल्कुल उसी अंदाज में यहां भी कार्रवाई चली। तेजस्वी यादव ने नेता सदन की तरह भाषण देकर एक बार फिर से दस लाख नौकरी की घोषणा की। विरोधियों पर जमकर बरसे और कहा कि दस लाख नहीं, बल्कि बीस लाख नौकरी दूंगा।
5 दिनों के सत्र में 4 दिन की हुई कार्यवाही
विधानसभा के 5 दिनों के सत्र में 4 दिन की कार्यवाही हुई, जिसमें अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष हमलावर रहा। पहले दिन से ही विपक्ष सदन को चलने नहीं दे रहा था। राजद और उनकी सहयोगी पार्टियों की तरफ से यह मांग की जा रही थी कि विधानसभा में अग्निपथ योजना के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किया जाए और केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाए। ऐसे में दूसरे-तीसरे दिन विपक्ष की तरफ से ना तो एक सवाल पूछे गए और ना ही सरकार की तरफ से जवाब आया। वहीं बीते बुधवार को बिना विपक्ष के सदन ही कार्यवाही चली।

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