बिहार में अगले तीन दिनों में मानसून की एंट्री, फिलहाल गर्मी से राहत नहीं, आगमन पर झमाझम बारिश

पटना। बिहार पिछले 15-20 दिनों से भीषण गर्मी से जूझ रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस साल 55 साल का रिकॉर्ड टूटा है। स्थिति यह रही कि दो-तीन जिलों का अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के पार दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो बिहार के लोगों को अब कुछ ही दिनों के बाद भीषण गर्मी और लू से राहत मिलने वाली है। इस बार का मानसून की पहली बारिश कब होगी ? मानसून के दौरान कितनी बारिश होगी और कब तक गर्मी से राहत मिलने वाली है। दक्षिण-पश्चिम मानसून बीते दो हफ्ते से बंगाल के इस्लामपुर में रुका है। बिहार तक आने में तीन से चार दिनों का समय लग सकता है। 15-16 जून को बिहार में मानसून सीमांचल के पूर्णिया से प्रवेश करेगा। पूर्णिया और किशनगंज के रास्ते बिहार में मानसून प्रवेश करेगा। इसके बाद पूरे प्रदेश में दो से चार दिनों के भीतर मानसून की बारिश शुरू हो जाएगी। पिछले साल 2023 में बिहार में 17 साल के बाद मानसून की एंट्री समय से एक दिन पहले हो गई थी। मानसून 12 जून को राज्य में आ गया था। बिहार में मानसून 13-18 जून के बीच प्रवेश करता है। मानसून की बात करें तो वह सामान्य समय यानी 13 से 18 जून के बीच ही बिहार में प्रवेश करने की संभावना है। फिलहाल अभी अगले दो दिनों तक प्रदेश में हीट वेव की स्थिति बनी रहेगी। मानसून के प्रवेश करने के लिए जो कंडीशन होते है, वो बनता हुआ नजर नहीं आ रहा है। मानसून धीरे- धीरे प्रोग्रेस कर रहा है। मानसून का जो प्रोग्रेस है, वह आइसोट्रॉपिक नहीं होता है। कुछ पार्ट्स में जल्दी प्रोग्रेस करता है। फिर स्लो भी हो जाता है। आधे से ज्यादा इंडियन पेनिनसुला में मानसून ऑनसेट हो चुका है। हालांकि, अभी दक्षिण-पश्चिम मानसून पिछले कई दिनों से बंगाल में अटका हुआ है। मानसून की एंट्री बिहार में पूर्णिया और किशनगंज के रास्ते होगी। अगर इसकी रफ्तार सही रहती है तो 2 से 4 दिनों में ही पूरे प्रदेश में मानसून की बारिश होने लगेगी। इस साल बिहार के अधिकांश जिलों में मानसून के दौरान सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। पूर्वानुमान के मुताबिक, 45 फीसदी अधिक बारिश हो सकती है। वहीं, कुछ जिलों में सामान्य बारिश होगी। पहले दो महीनों की तुलना में आखिरी दो महीनों में अधिक बारिश होगी। इस साल बिहार में सामान्य से 45 फ़ीसदी अधिक बारिश होने की संभावना है। जून से सितंबर के बीच करीब 1400 एमएम बारिश होने की संभावना है। जून जुलाई में कम, लेकिन अगस्त और सितंबर में झमाझम बारिश होगी। इसकी वजह है कि देश में ला-नीना का असर पड़ेगा। ला- नीना की वजह से भारत में मानसूनी सीजन में बारिश अधिक होती है।
