बिहार में मानसून की एंट्री: गर्मी से राहत, पटना में छाए रहेंगे बादल, चलेगी तेज हवाएं

पटना। बिहार में आखिरकार मानसून की एंट्री हो गई है। इस बार मानसून दो दिन की देरी से मंगलवार को राज्य में पहुंचा। सामान्यतः यह जून के मध्य तक राज्य में प्रवेश करता है, लेकिन इस वर्ष गर्मी का प्रकोप ज्यादा लंबा चला। मानसून का आगमन राज्य के पूर्वोत्तर जिले किशनगंज से हुआ और धीरे-धीरे यह अन्य जिलों में फैलने लगा। मंगलवार को भागलपुर, रोहतास, औरंगाबाद, छपरा, अरवल और गया में अच्छी बारिश दर्ज की गई, हालांकि इन जिलों में पूर्ण रूप से मानसूनी बारिश सिर्फ भागलपुर में देखी गई।
तेज हवा और बादल का असर
राजधानी पटना सहित अन्य भागों में बुधवार को आंशिक तौर पर बादल छाए रहने और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस दौरान ठनका (आकाशीय बिजली) गिरने की आशंका भी बनी रहेगी। बुधवार को मानसून पटना में भी पहुंच सकता है, जिससे तापमान में गिरावट आएगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
कई जिलों में भारी बारिश का अनुमान
बुधवार को मौसम विभाग ने भागलपुर, बांका, जमुई, अररिया, कटिहार और पूर्णिया में भारी बारिश की संभावना जताई है। साथ ही किशनगंज और पश्चिमी चंपारण में अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा भी हो सकती है। यह बारिश किसानों के लिए राहत की खबर है क्योंकि खेतों की जुताई और बुआई के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण होता है।
गर्मी से मिली कुछ राहत
राजधानी पटना में मंगलवार को दोपहर तक सूरज की तपिश बनी रही, लेकिन दोपहर बाद अचानक मौसम ने करवट ली। तेज हवा चलने लगी और आसमान में बादल छा गए, जिससे तापमान में गिरावट आई और लोगों को राहत मिली। इससे पहले कई दिनों से लू और उमस ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया था। मानसून के प्रवेश से अब तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आने की उम्मीद है।
मानसून के विस्तार की स्थिति
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार तक मानसून पूरे बिहार में फैल जाएगा और अगले तीन से चार दिनों तक यह सक्रिय भी रहेगा। इस दौरान बारिश के साथ-साथ वज्रपात और तेज हवाएं भी चल सकती हैं। अब तक मानसून का प्रसार किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, बांका, भागलपुर, जमुई, मुंगेर और खगड़िया के कुछ हिस्सों तक हो चुका है।
पिछले वर्षों की तुलना में इस बार कैसा रहा मानसून का आगमन
अगर पिछले वर्षों की बात करें तो 2024 में मानसून 20 जून को बिहार में दाखिल हुआ था, लेकिन इसके बाद यह रुक गया और पूरे राज्य में 28 जून तक फैला। वहीं, 2023 में मानसून 12 जून को पहुंचा था, लेकिन उसका भी विस्तार 25 जून तक ही हो पाया था। इस बार 2025 में मानसून अपेक्षाकृत देरी से पहुंचा है, लेकिन मौसम विभाग की मानें तो इसका विस्तार तेजी से हो रहा है और सक्रियता भी बनी रहेगी।
सावधानी की जरूरत
हालांकि मानसून राहत लेकर आता है, लेकिन इसके साथ ही कई तरह की सावधानियों की जरूरत भी होती है। वज्रपात की घटनाएं मानसून के शुरुआती दौर में अधिक होती हैं, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष सतर्कता की जरूरत है, जहां खेतों में काम करते समय लोग खुले आसमान के नीचे होते हैं। प्रशासन द्वारा लोगों को अलर्ट जारी कर सावधान रहने की अपील की गई है। बिहार में मानसून की दस्तक ने जहां किसानों को राहत दी है, वहीं आम जनता को भी भीषण गर्मी से कुछ राहत मिली है। आने वाले दिनों में बारिश का सिलसिला तेज होने की संभावना है, जिससे जलस्तर बढ़ेगा और कृषि गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी। हालांकि, मौसम की मार से बचाव के लिए सतर्कता बरतना जरूरी है। उम्मीद की जा रही है कि मानसून इस बार राज्य में समय पर और पर्याप्त बारिश लेकर आएगा।

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