पटना जंक्शन पर दो युवकों ने की महिला दरोगा से छेड़छाड़, बदतमीजी के बाद की धक्का-मुक्की, दोनों गिरफ्तार

पटना। राजधानी पटना के प्रमुख रेलवे स्टेशन, पटना जंक्शन पर एक महिला दारोगा के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना रविवार को उस समय हुई जब पीड़िता दुमका-पटना एक्सप्रेस से यात्रा कर पटना जंक्शन पर उतरी रही थीं। ट्रेन से उतरते समय दो युवकों ने उनके साथ बदतमीजी की और धक्का-मुक्की की।
पीड़िता की तैनाती और घटना का क्रम
बताया गया है कि महिला दारोगा भागलपुर जिले की रहने वाली हैं और वर्तमान में पटना में तैनात हैं। जब वह ट्रेन से पटना जंक्शन पहुंचीं, तभी दो युवकों ने पहले उनके साथ धक्का-मुक्की की और विरोध करने पर गाली-गलौज करने लगे। पीड़िता द्वारा शोर मचाने पर स्टेशन पर तैनात आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे और तुरंत दोनों आरोपियों को पकड़ लिया।
आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान जक्कनपुर थाना क्षेत्र के पोस्टल पार्क गली नंबर 3 निवासी भोला कुमार और गया जिले के बजीरगंज थाना अंतर्गत पाले गांव निवासी दिनेश कुमार के रूप में हुई है। दोनों को आरपीएफ द्वारा पकड़ने के बाद रेल पुलिस के हवाले कर दिया गया। पीड़िता ने दोनों के खिलाफ रेल थाने में छेड़छाड़ और बदसलूकी का मामला दर्ज कराया है।
न्यायिक प्रक्रिया और पुलिस की कार्रवाई
रेल पुलिस ने दोनों आरोपियों को रेलवे कोर्ट में प्रस्तुत किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मामले में रेल एसपी ने पुष्टि करते हुए कहा कि महिला दारोगा के साथ हुई घटना की जानकारी मिलते ही कार्रवाई की गई और आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। अब मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।
महिला सुरक्षा पर चिंता
इस घटना ने न केवल रेलवे स्टेशन पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सार्वजनिक स्थानों पर भी वर्दीधारी महिला अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं। जब एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ इस तरह की घटना हो सकती है, तो आम महिलाओं की स्थिति की कल्पना की जा सकती है।
सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता
यह घटना रेलवे पुलिस और आरपीएफ की सतर्कता से तुरंत काबू में आ गई, लेकिन इससे यह स्पष्ट होता है कि रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है। यात्रियों, विशेषकर महिलाओं के लिए सुरक्षा का माहौल बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए निगरानी प्रणाली, सीसीटीवी कैमरों की संख्या में वृद्धि और गश्ती दल की संख्या को बढ़ाने की जरूरत है। पटना जंक्शन पर हुई यह घटना निंदनीय है और इसने यह दर्शाया है कि महिला सुरक्षा के लिए अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है। हालांकि रेल पुलिस की तत्परता सराहनीय रही, परंतु ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूर्व तैयारी और कठोर दंड नीति की जरूरत है। आशा है कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी और इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नई पहलें की जाएंगी।
