December 8, 2025

कोरोना ड्यूटी से गायब रहना पड़ा महंगा : पटना के 4 सरकारी अफसरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज

file photo

पटना। कोरोना संक्रमण काल के दौरान चार सरकारी अफसरों लापरवाही बरतना महंगा पड़ गया है। उन अफसरों को पिछले माह पटना जंक्शन पर मजिस्ट्रेट के तौर पर ड्यूटी पर लगाया गया था। लेकिन, सरकारी अफसरों ने बतौर मजिस्ट्रेट अपनी ड्यूटी को गंभीरता से नहीं लिया और ड्यूटी के दौरान पूरे दिन गायब तो रहे ही, अपने वरीय अफसरों को भी जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा। तब पटना डीएम ने जांच के आदेश दिए। अब इनके खिलाफ पटना के गांधी मैदान थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें एक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, दो जूनियर इंजीनियर और एक प्रखंड उद्यान पदाधिकारी हैं।
यह पूरा मामला पिछले महीने का है। पटना सदर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हरिशचंद्र चौधरी, पटना सिटी भवन प्रमंडल गुलजारबाग के जूनियर इंजीनियर गौतम प्रसाद गौंड, पथ प्रमंडल गुलजारबाग में सरमेरा पथ अवर प्रमंडल के जूनियर इंजीनियर अखिलेश कुमार और जिला उद्यान कार्यालय में पोस्टेड प्रखंड उद्यान पदाधिकारी अनिल कुमार मिश्रा को डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम की तरफ से बतौर मजिस्ट्रेट पटना जंक्शन पर यात्रियों की कोरोना जांच के लिए ड्यूटी पर लगाया गया था। इन चारों मजिस्ट्रेट को अपनी निगरानी में महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे और दूसरे शहरों से ट्रेन से पटना आए यात्रियों की कोरोना जांच करानी थी। लेकिन, 12 अप्रैल को ये चारों मजिस्ट्रेट अपनी ड्यूटी से बगैर किसी सूचना के गायब मिले। उस दिन पटना जंक्शन उतरे यात्रियों की कोरोना जांच में देरी तो हुई ही, साथ ही संक्रमित मिले यात्रियों को आइसोलेट करने में देरी होने पर मामला बिगड़ने पर जा पहुंचा था।
इस दौरान मामले की जानकारी पटना के डीएम तक पहुंची। तब उन्होंने जांच के आदेश दिए, जो पूरी हो गई है। इसके बाद गांधी मैदान थाना में स्पेशल एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट अरूण कुमार सिंह के बयान पर आज विशेष आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और एपेडेमिक डिजिजेज एक्ट 1997 व आईपीसी की धारा 188 के तहत एफआइआर नंबर 267/21 दर्ज किया गया।

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