मधेपुरा में कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया कलयुग में शिव का अवतार, वीडियो वायरल, मचा बवाल

मधेपुरा। बिहार के मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर में चल रही शिव महापुराण कथा के दौरान कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा दिया गया एक बयान इन दिनों काफी चर्चा में है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तुलना भगवान शिव से करते हुए उन्हें कलयुग का शिव रूप बताया। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इस पर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
कथावाचक का बयान और पहलगाम हमले का जिक्र
पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जिक्र किया। उन्होंने हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि आतंकियों ने किसी की जाति या भाषा नहीं देखी, केवल हिंदू होने के आधार पर निर्दोष लोगों की हत्या की। उन्होंने एक नवविवाहित युवक का उदाहरण देते हुए बताया कि कश्मीर घूमने गया युवक आतंकी हमले का शिकार बन गया और उसकी पत्नी आज बेसहारा हो गई है। मिश्रा ने इस दुखद घटना के बहाने देशवासियों से आत्मरक्षा के लिए तैयार रहने की अपील की।
हर घर के बच्चों को शस्त्र चलाना आना चाहिए
अपनी कथा के दौरान मिश्रा ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि हर घर के बेटे-बेटियों को शस्त्र चलाना आना चाहिए। उन्होंने यह बात इस संदर्भ में कही कि आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए समाज को भी सजग और सशक्त होना होगा। उनके इस बयान पर कथा स्थल पर उपस्थित श्रोताओं ने तालियों से समर्थन भी जताया।
सोशल मीडिया पर विरोध और आलोचना
हालांकि, पंडित मिश्रा द्वारा अमित शाह को भगवान शिव का अवतार बताने की बात पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई यूजर्स ने इस तुलना को महादेव का अपमान करार दिया और इसे राजनीति से प्रेरित बताया। कुछ ने कहा कि कथावाचन के नाम पर राजनीतिक प्रचार किया जा रहा है, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं।
एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन
इस बयान के विरोध में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने मधेपुरा के कॉलेज चौक पर पंडित मिश्रा का पुतला दहन किया। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत यादव ने आरोप लगाया कि प्रदीप मिश्रा कोई संत या कथावाचक नहीं हैं, बल्कि भाजपा और आरएसएस के एजेंट हैं। उन्होंने कहा कि मिश्रा जैसे लोग सत्संग के माध्यम से समाज में सांप्रदायिकता फैलाने का काम कर रहे हैं।
पुराना विवाद और माफी की मांग
एनएसयूआई नेताओं ने यह भी दावा किया कि यह पहली बार नहीं है जब प्रदीप मिश्रा ने विवादित बयान दिया हो। इससे पहले वे राधा-कृष्ण को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं, जिसके चलते उन्हें मथुरा में माफी मांगनी पड़ी थी। अब एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि मिश्रा सिंहेश्वर स्थान मंदिर में शिव भक्तों से माफी नहीं मांगते और प्रशासन कार्रवाई नहीं करता, तो संगठन चरणबद्ध आंदोलन करेगा। यह पूरा विवाद एक धार्मिक मंच पर की गई राजनीतिक टिप्पणी से उपजा है, जो दर्शाता है कि धर्म और राजनीति के बीच की रेखा कितनी संवेदनशील हो सकती है। समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए कथावाचकों और धार्मिक नेताओं को संयमित और संतुलित भाषा का प्रयोग करना चाहिए, ताकि उनकी बातों का असर सकारात्मक हो, न कि विवादास्पद।

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