स्मार्ट मीटर का मोबाइल ऐप 5 दिनों से ठप: रिचार्ज को लेकर उपभोक्ता परेशान, नहीं कटेगी बिजली

पटना। राजधानी में लाखों उपभोक्ताओं को पिछले पांच दिनों से स्मार्ट मीटर ऐप के बंद होने के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यह ऐप बंद होने की वजह से ना तो उपभोक्ता बिजली का रिचार्ज कर पा रहे हैं और ना ही अपने अकाउंट का बैलेंस चेक कर पा रहे हैं। स्थिति ऐसी है कि उपभोक्ताओं के बीच बिजली कटने का डर बना हुआ है, लेकिन बिहार बिजली विभाग ने स्पष्ट किया है कि जब तक ऐप की तकनीकी समस्या को ठीक नहीं किया जाता, उपभोक्ताओं की बिजली बिना बैलेंस के भी चालू रहेगी। हालांकि, बिजली विभाग की ओर से कोई आधिकारिक सूचना अब तक जारी नहीं की गई है, जिससे उपभोक्ताओं के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
बिजली रिचार्ज न कर पाने से उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ी
स्मार्ट मीटर ऐप की तकनीकी खराबी का असर खासतौर से उन उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है, जिनके बिजली कनेक्शन का भुगतान प्रीपेड मॉडल पर आधारित है। ऐप की खराबी के कारण उपभोक्ता न तो बैलेंस चेक कर पा रहे हैं और न ही रिचार्ज कर पा रहे हैं। इस समस्या ने उपभोक्ताओं के बीच चिंता का माहौल बना दिया है, क्योंकि अगर समय पर रिचार्ज नहीं होता तो बिजली कटने की आशंका बढ़ जाती है। ग्राहक सहायता सेवा, 1912, पर संपर्क करने पर भी उपभोक्ताओं को कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पा रही है, जिससे उनकी समस्याएं और भी बढ़ गई हैं।
विभाग की ओर से उपभोक्ताओं के लिए कोई स्पष्ट जानकारी नहीं
बिहार बिजली विभाग के अधिकारियों ने बयान दिया है कि ऐप को ठीक करने की दिशा में काम किया जा रहा है, लेकिन उपभोक्ताओं को ऐप की उपलब्धता के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी जा रही है। इस तकनीकी गड़बड़ी के बीच ऐप के ठीक होने की समय सीमा को लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं है। सरकार ने एक सप्ताह तक बैलेंस ना रहने के बावजूद बिजली ना काटने का आश्वासन दिया है, लेकिन अधिक समय तक समस्या बनी रहने पर बिजली कटने की संभावना उपभोक्ताओं के लिए चिंता का कारण बनी हुई है।
बिहार में स्मार्ट मीटर का विस्तार और वर्तमान संकट
बिहार सरकार का उद्देश्य 2025 तक राज्य के सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का है। फिलहाल, राज्य में लगभग 50 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं और इस संख्या को बढ़ाने की प्रक्रिया जारी है। स्मार्ट मीटर का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बिजली खपत का बेहतर प्रबंधन करने की सुविधा देना था, लेकिन ऐप में बार-बार की तकनीकी खराबी ने इस सुविधा को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। राजधानी पटना में ही करीब 5 लाख उपभोक्ता इस समस्या का सामना कर रहे हैं, जिससे राज्य के स्मार्ट मीटर योजना पर सवाल उठ रहे हैं।
विपक्ष की ओर से विरोध और राजनीतिक माहौल
स्मार्ट मीटर के मसले को लेकर बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल का माहौल भी बन गया है। विपक्षी दल राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों की ओर से स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध किया जा रहा है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं और उन्हें हटाना ही एकमात्र समाधान है। इसके साथ ही, विपक्ष को ऐप में तकनीकी समस्या जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है।
उपभोक्ताओं की परेशानी और भविष्य की चुनौती
स्मार्ट मीटर ऐप की इस समस्या ने सरकार और बिजली विभाग की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि समस्या का जल्द समाधान नहीं किया गया, तो उपभोक्ताओं का विश्वास सरकार की इस योजना पर से उठ सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि बिहार बिजली विभाग इस समस्या का शीघ्रता से समाधान करे और भविष्य में इस तरह की तकनीकी समस्याओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। सरकार को चाहिए कि वह समय-समय पर अपने ऐप और सिस्टम का मेंटेनेंस करे और उपभोक्ताओं को ऐसी समस्याओं से बचाने के लिए वैकल्पिक रिचार्ज विकल्प उपलब्ध कराए। ऐप से जुड़ी जानकारी और उसकी कार्यक्षमता के बारे में उपभोक्ताओं को समय पर सूचित किया जाए ताकि वे अपनी बिजली सेवा का सुचारू रूप से लाभ उठा सकें।
