भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र का 150 साल पूरे, पटना में धूमधाम से मनाया गया स्थापना

पटना(अजीत)। पटना के अनीसाबाद में भारत मौसम विज्ञान विभाग का 150 स्थापना दिवस मौसम विभाग के पटना केंद्र डॉपलर मौसम रेडार परिसर में मनाया गया। बीएसडीएमए के सदस्य मनीष कुमार वर्मा ने इसकी स्थापना के 150 वर्ष के उद्घा टन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई। उन्होंने डॉपलर मौसम रडार अनिशाबाद परिसर में नवनिर्मित सतह वेधशाला का भी उद्घा टन किया, जिसे 1867 में स्थापित किया गया था। समारोह में विभिन्न स्कूलों के छात्रों के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई और विजेताओं को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया। डॉपलर मौसम रडार बिल्डिंग, अनिशाबाद, पटना में आयोजित कार्यक्रम में स्कूल, विश्वविद्यालय/कॉलेजों संस्थानों के छात्रों IMD के कर्मचारियों, शोधकर्ताओं व शिक्षाविदों समेत विभिन्न संगठनों के लगभग 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वही इस समारोह में स्वागतकर्ता ने अपने संबोधन में बताया की IMD 15 जनवरी, 2024 को राज्य मौसम विज्ञान केंद्र, पटना में अपनी स्थापना व राष्ट्र की सेवा का 150 वर्ष मना रहा है जो हमसबो को गौरवान्वित करने वाला है। इससे पहले समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथि मनीष कुमार वर्मा, बीएसडीएमए के सदस्य द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। उन्होंने IMD और बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के बीच सहयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि IMD नई ऊंचाइयों को छूने और विभिन्न अनुप्रयोगों और पूर्वानुमानों के माध्यम से किसी भी समय मौसम की जानकारी प्रत्येक घर तक पहुंचाने के लिए तैयार है।
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना का इतिहास
पटना मौसम विज्ञान वेधशाला 1867 में तत्कालीन ब्रिटिश कोर ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा स्थापित सबसे प्रारंभिक वेधशालाओं में से एक थी। 1875 में एक सरकारी विभाग के रूप में भारत मौसम विज्ञान विभाग की औपचारिक स्थापना के बाद, पटना सहित सभी मौसम कार्यालय के अवलोकन व प्रबंधन की जिम्मेदारी आईएमडी को हस्तांतरित कर दी गई थी। मौसम विज्ञान केंद्र, पटना 1949 से सिविल एयरोड्रोम पटना में अपने वर्तमान स्थान से कार्य कर रहा है। वही इसके अलावा, गया मौसम विज्ञान वेधशाला 1869 में, पूर्णिया मौसम वेधशाला 1874 में व भागलपुर मौसम विज्ञान वेधशाला 1950 में स्थापित की गई थी। पहला बहुउद्देश्यीय मौसम विज्ञान रडार पटना में स्थापित किया गया था। वही इसके बाद 2011 में इसे एक उन्नत डॉपलर मौसम रडार से बदल दिया गया। बाढ़ निगरानी और पूर्वानुमान उद्देश्यों के लिए सेवाएं प्रदान करने के लिए, एक विशेष बाढ़ मौसम विज्ञान कार्यालय स्थापित किया गया था, जो बिहार राज्य की सेवा करने के अलावा पड़ोसी राज्य झारखंड, पश्चिम बंगाल, यूपी और मध्य प्रदेश की आवश्यकताओं को भी पूरा करता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन, जिनेवा ने सितंबर 2020 में मौसम विज्ञान वेधशाला पटना को उसके दीर्घकालिक मौसम संबंधी अवलोकन व 100 वर्षों से अधिक के रिकॉर्ड की मान्यता में शताब्दी अवलोकन स्टेशन का दर्जा प्रदान किया है। मौसम विज्ञान कार्यालय को 1974 से मौसम विज्ञान केंद्र में अपग्रेड किया गया।

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