अभी जदयू का आरजेडी में विलय करना आत्मघाती कदम सिद्ध होगा, हमें लोकसभा चुनावों पर ज्यादा मेहनत करनी चाहिए : उपेंद्र कुशवाहा

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार अपने कार्यक्रमों में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाने की बात करते नजर आते हैं। वही कल महागठबंधन की संयुक्त बैठक में सीएम नीतीश ने यह तक कह दिया कि 2025 का विधानसभा का चुनाव महागठबंधन तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ेगी और अगर हम जीते हैं तो महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार तेजस्वी यादव होंगे। जहां एक और सीएम के इस बयान ने बिहार में नई राजनीतिक परिचर्चा को जन्म दे दिया है वहीं अब जदयू का आरजेडी में विलय होने की संभावनाओं का दौर एक बार फिर बिहार की राजनीति में शुरू हो चुका है। वही इस मुद्दे पर जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बेबाकी से अपने विचारों को रखते हुए बिहार की राजनीति को एक नई दिशा देने का काम किया है। बता दे की उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल में जनता दल यूनाइटेड के विलय को भ्रामक खबर बताते हुए ऐसी किसी संभावना से साफ इनकार किया है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जनता दल में जनता दल यूनाइटेड के विलय का मतलब ही आत्मघाती कदम उठाना होगा। उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि जिन नेताओं ने अपनी मेहनत से पार्टी को इस मुकाम तक पहुंचाया है, क्या वह कभी चाहेंगे कि उनकी पार्टी का किसी दूसरे पार्टी में विलय हो जाए। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने यह कहा है कि 2025 विधानसभा का चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इसके पहले 2024 में लोकसभा का महत्वपूर्ण चुनाव है। इसलिए लोगों को किसी भी तरह के अटकलबाजी और भ्रामक खबर से बचना चाहिए।
सीएम के कहने पर कुशवाहा ने दिया यह बयान : बीजेपी
वही बीजेपी के पूर्व विधायक को प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, अचानक आरजेडी में जेडीयू के विलय का मुद्दा क्यों उठाया। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इस पर गहराई से गौर किया जाए तो, यह समझने में देर नहीं लगेगी की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर ही उपेंद्र कुशवाहा ने इस तरह का बयान दिया है। क्योंकि लगातार जिस प्रकार नीतीश कुमार द्वारा तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाने की बात कहीं जा रही है। इसकी वजह से जनता दल यूनाइटेड के भीतर विद्रोह वाली स्थिति पैदा हो चुकी है। इसके अलावा जनता दल यूनाइटेड का राष्ट्रीय जनता दल में विलय की बात सामने आने के बाद से ही जेडीयू के विधायकों ने नए घोंसले की तलाश शुरू कर दी है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी में टूट के डर से ही नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा के जरिए पार्टी के कार्यकर्ता और नेताओं को यह संदेश देने की कोशिश की है कि जेडीयू का विलय आरजेडी में नहीं होने वाला।

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