पटना में कांग्रेस शीर्ष नेताओं की हुई अहम बैठक, उम्मीदवारों के नाम हुआ फाइनल, दिल्ली से लगेगी अंतिम मुहर
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। हर राजनीतिक दल अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में मंगलवार को पटना के एक नामी होटल में कांग्रेस पार्टी की एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर गहन मंथन किया। इस बैठक को बिहार कांग्रेस के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसमें उम्मीदवारों के चयन से लेकर प्रचार रणनीति तक पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में शामिल रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता
इस बंद कमरे में हुई बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान मौजूद रहे। इसके अलावा पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी और कुछ संभावित उम्मीदवार भी इस बैठक का हिस्सा बने। बैठक का मुख्य एजेंडा था—आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देना।
उम्मीदवारों के चयन पर हुई लंबी चर्चा
बैठक में नेताओं ने प्रत्येक विधानसभा सीट पर संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। पार्टी की कोशिश है कि इस बार टिकट वितरण में जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का संतुलन बनाए रखा जाए। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने इस बार ऐसे चेहरों पर दांव लगाने का मन बनाया है जो जमीन से जुड़े हों, जनता में उनकी पकड़ हो और स्थानीय मुद्दों को लेकर सक्रिय भूमिका निभा रहे हों। बैठक में यह भी तय किया गया कि जिन सीटों पर पार्टी का जनाधार मजबूत है, वहां पुराने नेताओं को ही मौका दिया जाएगा, जबकि नई और कठिन सीटों पर युवाओं और नए चेहरों को आगे लाया जाएगा। यह कांग्रेस की उस नीति का हिस्सा है जिसके तहत वह संगठन को मजबूत करने और युवाओं को राजनीतिक मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रही है।
मंगलवार को ही तैयार हुई उम्मीदवारों की सूची
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार की बैठक में उम्मीदवारों की प्रारंभिक सूची लगभग तैयार कर ली गई। सभी जिलों से आए नेताओं के सुझावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने संभावित उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। माना जा रहा है कि यह सूची मंगलवार देर शाम तक दिल्ली भेज दी जाएगी, जहां बुधवार को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।
दिल्ली में होगी अंतिम मंजूरी
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुधवार को दिल्ली में प्रस्तावित है। इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे। इस दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे। बिहार प्रदेश कांग्रेस द्वारा भेजी गई सूची पर चर्चा कर उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। संभावना है कि सप्ताह के अंत तक कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा कर देगी।
चुनावी समीकरण और कांग्रेस की रणनीति
बिहार में इस बार चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है, जिसमें एनडीए, इंडिया गठबंधन और अन्य दलों के बीच सीधा टकराव होगा। कांग्रेस इंडिया गठबंधन का हिस्सा है और सीटों के बंटवारे को लेकर पहले ही समझौता हो चुका है। पार्टी अब उन सीटों पर फोकस कर रही है जो उसके हिस्से में आई हैं।
बैठक में यह भी तय किया गया कि कांग्रेस के उम्मीदवार अपने क्षेत्रों में तुरंत जनसंपर्क अभियान शुरू करेंगे। पार्टी जनता के बीच महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लेकर जाएगी। साथ ही, भाजपा और जदयू की सरकार पर वादाखिलाफी के आरोपों को भी मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया जाएगा।
स्थानीय नेताओं की भूमिका पर जोर
बैठक में यह बात स्पष्ट की गई कि बिहार में कांग्रेस तभी मजबूत होगी जब स्थानीय नेतृत्व को पर्याप्त अधिकार और जिम्मेदारी दी जाएगी। इसलिए, इस बार संगठन ने फैसला किया है कि प्रत्याशियों के चयन में प्रदेश नेतृत्व की राय को प्राथमिकता दी जाएगी। यही कारण है कि पटना में हुई यह बैठक पूरी तरह प्रदेश नेतृत्व की निगरानी में संपन्न हुई। पटना में हुई कांग्रेस की यह बैठक बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों के लिए एक अहम संकेत देती है। इससे यह स्पष्ट है कि पार्टी अब पूरी गंभीरता से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है। उम्मीदवारों की सूची लगभग तैयार हो चुकी है और अंतिम मंजूरी के लिए दिल्ली की ओर रुख किया जा रहा है। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि इस बार जनता बदलाव के मूड में है और अगर सही उम्मीदवार व सही रणनीति के साथ चुनाव लड़ा गया, तो पार्टी राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकती है। अब सबकी निगाहें दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक पर टिकी हैं, जहां बिहार कांग्रेस की इस मेहनत पर अंतिम मुहर लगेगी।


