पटना में हॉस्टल में भाई से मिलने आये युवक ने की आत्महत्या, पिस्तौल और गोलियां बरामद, जांच जारी
पटना। राजधानी पटना के पीरबहोर थाना क्षेत्र में एक युवक द्वारा आत्महत्या करने की घटना ने सभी को हैरान कर दिया है। दिल्ली से अपने भाई से मिलने आए इस युवक का शव हॉस्टल के बाथरूम में पाया गया। यह दुखद घटना मंगलवार की सुबह की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम भी मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। मृतक की पहचान पश्चिम चंपारण जिले के 23 वर्षीय युवक के रूप में हुई है। वह दिल्ली में डिलीवरी ब्वॉय का काम करता था। वह अपने बड़े भाई से मिलने पटना आया था, जो नीट की तैयारी के लिए पिछले तीन वर्षों से पटना के एक हॉस्टल में रह रहा है। बताया जा रहा है कि युवक ने हॉस्टल के बाथरूम में पिस्तौल का इस्तेमाल करके खुद को गोली मार ली। पुलिस को घटनास्थल से एक पिस्तौल और उसकी मैग्जीन में लोड दो गोलियां बरामद हुईं। मृतक का शव खून से लथपथ हालत में पाया गया, और बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद था। हॉस्टल के छात्रों ने बताया कि जब बाथरूम का दरवाजा काफी देर तक नहीं खुला, तो उन्होंने खटखटाना शुरू किया। अंदर से कोई जवाब नहीं मिलने पर दरवाजा तोड़ा गया। अंदर मृतक का शव खून से लथपथ पड़ा था। यह दृश्य देखकर छात्रों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मृतक के बड़े भाई ने बताया कि घटना से पहले उनका भाई बिल्कुल सामान्य लग रहा था। उसने न तो किसी तरह की परेशानी जाहिर की और न ही किसी व्यक्तिगत समस्या की बात की। घटना के बाद परिवार ने आत्महत्या के संदर्भ में यूडी (अननैचुरल डेथ) केस दर्ज कराया है। पीरबहोर थाना प्रभारी अब्दुल हलीम ने बताया कि मृतक का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या के कारणों का अब तक खुलासा नहीं हुआ है। एफएसएल की टीम मामले की गहराई से जांच कर रही है। युवाओं में बढ़ते मानसिक तनाव और आत्महत्या की घटनाएं समाज के लिए चिंता का विषय हैं। परिवार और दोस्तों को चाहिए कि वे अपने आस-पास के लोगों के व्यवहार और मानसिक स्थिति पर ध्यान दें। वहीं, पुलिस और प्रशासन को अवैध हथियारों की आपूर्ति पर सख्ती से रोक लगाने की जरूरत है। पटना के हॉस्टल में हुई यह आत्महत्या की घटना दुखद और चिंताजनक है। युवक की मानसिक स्थिति और घटना के कारणों की गहराई से जांच होनी चाहिए। साथ ही, समाज में आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता है।


