मौनी अमावस्या पर पटना के गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, दान का बना पुण्यकारी संयोग

पटना। माघ मास की अमावस्या यानि मौनी अमावस्या आज श्रवण नक्षत्र और व्यतिपात योग के पुण्यकारी संयोग में मनाई जाएगी। ऐसे मान्यता है कि आज ही द्वापर युग का आरंभ हुआ था। महात्मा ऋषि मनु का अवतरण भी इसी दिन हुआ था, इसलिए इसे मनु अमावस्या भी कहते हैं। मान्यता है कि आज के दिन समस्त देवी-देवता पवित्र संगम में निवास करते हैं। इस दिन गंगा का जल अमृत के समान हो जाता है। आज गंगा या संगम स्नान से तन-मन निर्मल और निरोग काया के साथ पाप मुक्त होते हैं। मन को संयमित करने के लिए मौन व्रत धारण किया जाता है। मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग, चतुर्ग्रही योग तथा श्रवण नक्षत्र के साथ व्यतिपात योग होने से इस दिन पुण्यप्रदायक संयोग बन रहा है। इस योग में पितरों का तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति तथा पितृ तृप्त होकर वंश वृद्धि का आशीष देते हैं। मौनी अमावस्या को दान-पुण्य करने से इसका 100 गुना फल मिलता है। मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने से विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान मात्र से दैहिक (शारीरिक), भौतिक (अनजाने में किया गया पाप), दैविक (ग्रहों, गोचरों का दुर्योग) तीनों प्रकार पापों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रीय मान्यता है कि इस दिन सभी देवी-देवता गंगा में वास करते हैं, जो पापों तथा संताप से मुक्ति दिलाते हैं। मौनी अमावस्या के दिन तिल, तेल, तिल का लड्डू, वस्त्र, आंवला, कंबल, उड़द, दर्पण और जूता दान करने से ग्रहजनित दोष से छुटकारा मिलता है I जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा नीच का होता है, उन्हें इस दिन दूध, चावल, खीर, मिश्री व बताशा दान करना शुभ होता है। मौनी अमावस्या को चांदी के नाग-नागिन की पूजा कर श्वेत पुष्प के साथ बहते हुए जल में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। संध्या बेला में ईशान कोण में घी का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

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