September 12, 2025

रांची से पाकिस्तानी आतंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड अशरफ दानिश गिरफ्तार, पांच संदिग्धों को पुलिस ने पकड़ा

रांची। भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे पाकिस्तानी मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों ने कई राज्यों में चलाए गए संयुक्त अभियान में मास्टरमाइंड समेत पांच संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है। इन गिरफ्तारियों से यह साफ हो गया है कि आतंकियों की मंशा देश में बड़ा हमला करने की थी, लेकिन समय रहते सुरक्षा एजेंसियों ने साजिश को नाकाम कर दिया।
रांची से मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी
इस आतंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड रांची के लोअर बाजार थाना क्षेत्र से गिरफ्तार हुआ है। आरोपी का नाम अशरफ दानिश उर्फ अशहर दानिश है। वह न्यू तबारक लॉज में ठहरा हुआ था। बताया जाता है कि दानिश कई अलग-अलग पहचान के सहारे अपनी गतिविधियों को अंजाम देता था। कोई उसे किसी कंपनी का सीईओ जानता था, तो कोई गजबा नाम से पहचानता था, जबकि कुछ लोग उसे प्रोफेसर भी मानते थे। इन फर्जी पहचानियों की आड़ में वह युवाओं को गुमराह कर अपने नेटवर्क को मजबूत कर रहा था।
अन्य राज्यों से भी गिरफ्तारियां
दानिश की गिरफ्तारी के साथ-साथ जांच एजेंसियों ने देश के अलग-अलग हिस्सों से उसके साथियों को भी पकड़ा है। मुंबई से सूफियान अबुबकर खान और आफताब अंसारी को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह तेलंगाना के निजामाबाद से हुजैफा यमन और मध्य प्रदेश के राजगढ़ से कामरान कुरैशी को दबोचा गया। इन सभी को दिल्ली पुलिस और झारखंड एटीएस के संयुक्त अभियान के तहत पकड़ा गया।
लंबे समय से चल रही थी निगरानी
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, इन संदिग्धों की गतिविधियों पर पिछले छह महीनों से नजर रखी जा रही थी। खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि कुछ युवक कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित होकर पाकिस्तान के हैंडलर्स के संपर्क में हैं और भारत में किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, झारखंड एटीएस और अन्य राज्य की एजेंसियों ने मिलकर लगातार इनकी गतिविधियों को ट्रैक किया।
पाकिस्तान से संपर्क में थे संदिग्ध
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए सभी संदिग्ध सीधे पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर्स से संपर्क में थे। वे व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे गुप्त माध्यमों से बातचीत करते थे। कोड वर्ड और अलग-अलग पहचान के जरिए काम किया जाता था ताकि सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह किया जा सके। मॉड्यूल के भीतर अशरफ दानिश को “गजवा नेता” नाम से जाना जाता था और वही इन गतिविधियों का संचालन कर रहा था।
आंतरिक संगठन का गठन
जांच से यह भी खुलासा हुआ है कि संदिग्धों ने भारत में ही एक आंतरिक संगठन बनाकर काम करना शुरू कर दिया था। उनका मकसद नए युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर मोड़ना और उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करना था। सभी संदिग्ध कट्टरपंथी पृष्ठभूमि से आते हैं और इनकी सोच पूरी तरह से चरमपंथी संगठनों से मेल खाती है।
पहले भी उजागर हुआ था मॉड्यूल
यह पहली बार नहीं है जब रांची से आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। इससे पहले भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अलकायदा इन द सब कॉन्टिनेंट से जुड़े एक मॉड्यूल का खुलासा किया था। उस समय रेडियोलॉजिस्ट डॉ. इश्तियाक को एटीएस की मदद से रांची से गिरफ्तार किया गया था। इस तरह की लगातार गिरफ्तारियां यह बताती हैं कि झारखंड समेत कई राज्य आतंकी संगठनों की नजर में हैं।
गिरफ्तारी से टला बड़ा हमला
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि अगर समय रहते यह गिरफ्तारी नहीं होती तो देश में किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया जा सकता था। जांच में अब तक यह साफ हुआ है कि ये लोग हथियार, विस्फोटक और अन्य संसाधन जुटाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन एजेंसियों की सतर्कता के कारण उनकी योजना असफल हो गई। रांची से अशरफ दानिश और उसके साथियों की गिरफ्तारी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन भारत को निशाना बनाने की कोशिशें लगातार कर रहे हैं। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और खुफिया नेटवर्क की मजबूती ने इस बार देश को बड़े खतरे से बचा लिया। अब जांच एजेंसियां गिरफ्तार संदिग्धों से पूछताछ कर रही हैं ताकि उनके नेटवर्क और अन्य साथियों तक पहुंचा जा सके। यह कार्रवाई न केवल एक बड़ी उपलब्धि है बल्कि देश की सुरक्षा के प्रति एजेंसियों की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

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