पटना में मालखाने में लगी भीषण आग, मची अफरा-तफरी, दो गाड़ियां जलकर राख
पटना। राजधानी पटना में गुरुवार तड़के एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने पुलिस व्यवस्था और सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। बहादुरपुर थाना क्षेत्र के मोनिउल हक स्टेडियम परिसर में स्थित कदमकुआं थाना के अस्थायी मालखाने में अचानक आग लग गई। यह घटना सुबह करीब 6 बजे हुई, जब स्टेडियम में बच्चे क्रिकेट की प्रैक्टिस में लगे थे और कुछ छात्र पढ़ाई कर रहे थे। अचानक उठते धुएं और तेज लपटों को देखकर वहां अफरा-तफरी मच गई।
आग लगने के बाद अफरा-तफरी
स्टेडियम के एक कोने से सबसे पहले धुआं दिखा, जिसे शुरुआत में सामान्य मान लिया गया। लेकिन देखते ही देखते धुआं गहरी लपटों में बदल गया। तुरंत ही बच्चों और स्थानीय लोगों ने शोर मचाकर पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। कुछ ही देर में कदमकुआं थाना प्रभारी संतोष कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उसके बाद अग्निशमन विभाग की कई गाड़ियां पहुंचीं और संयुक्त प्रयास से आग पर नियंत्रण पाया गया।
दो जब्त कारें जलकर हुईं राख
जब तक आग को नियंत्रित किया गया, तब तक मालखाने में रखी दो जब्त कारें पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी थीं। इसके साथ ही आशंका जताई जा रही है कि कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य जब्त सामान भी क्षतिग्रस्त हुआ है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि जांच के बाद ही होगी। पुलिस अधिकारियों ने क्षेत्र को घेरकर जांच शुरू कर दी है और फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है, ताकि आग के कारणों और नुकसान का सही अनुमान लगाया जा सके।
शॉर्ट सर्किट की आशंका, लेकिन जांच जारी
प्राथमिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। हालांकि अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सही कारण की पुष्टि फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही की जाएगी। गौर करने वाली बात यह है कि कुछ महीने पहले इसी स्टेडियम परिसर में पटना मेट्रो परियोजना के अस्थायी कार्यालय में भी आग लगी थी। तब भी शॉर्ट सर्किट को कारण बताया गया था। लगातार हो रही ऐसी घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
मालखानों की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
बिहार के कई थानों में मालखाना या जब्त वाहनों को अस्थायी स्थानों या खुले परिसर में रखा जाता है। इससे धूप, बारिश और आगजनी की घटनाओं में नुकसान का खतरा हमेशा बना रहता है। कई बार पुलिस मुख्यालय से निर्देश दिए जाने के बावजूद इन मालखानों के लिए सुरक्षित स्थायी व्यवस्था बनाने में लापरवाही बरती जाती है। इस घटना ने एक बार फिर इन खामियों को उजागर कर दिया है।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों और जिला प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया और सुरक्षा कर्मियों को आगे भी सतर्क रहने का निर्देश दिया। कदमकुआं थाना प्रभारी ने बताया कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है और आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है। उन्होंने कहा कि शॉर्ट सर्किट सहित सभी संभावित कारणों की जांच की जा रही है।
स्थानीय लोगों में दहशत और चिंता
आसपास के लोगों का कहना है कि यदि आग पर समय रहते नियंत्रण नहीं पाया जाता, तो बड़ा हादसा हो सकता था। कई लोगों ने मांग की है कि पुलिस मालखानों को ऐसे सार्वजनिक स्थलों या रिहायशी इलाकों के बीच न रखा जाए, बल्कि सुरक्षित और संरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए। पटना के घनी आबादी वाले क्षेत्र में पुलिस मालखाने में लगी यह आग केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की कमी का बड़ा संकेत है। यह घटना बताती है कि जब्त सामान और वाहनों की सुरक्षा के लिए तत्काल बेहतर और स्थायी सिस्टम की जरूरत है। हालांकि राहत की बात यह है कि किसी की जान नहीं गई, लेकिन इस घटना ने प्रशासन को एक बार फिर चेताया है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे, वरना भविष्य में इससे भी बड़े हादसे हो सकते हैं।


