आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण में घोटाले का मामला प्रकाश में आया, स्पष्टीकरण की मांग

मसौढी। प्रखंड के 16 आंगनबाडी केंद्रों के निर्माण के लिए तेरहवीं वित आयोग से 63 लाख 35 हजार रूपए बीते कई वर्ष पूर्व दो पंचायत सचिवों द्वारा अग्रिम रूप से निकासी कर लेने के बाबजूद निर्माण कार्य पूरा नहीं करने का एक मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी सह बीडीओ पंकज कुमार ने आरोपित पंचायत सचिवों को बुधवार को स्‍पष्‍टीकरण देते हुए उन्‍हें एक सप्‍ताह के भीतर इसका जबाब देने का आदेश दिया है अन्‍यथा उनके खिलाफ कारवाई करने की चेतावनी उन्‍हें दी है। मिली जानकारी के मुताबिक 13वीं वित आयोग से कुल 63 लाख 35 हजार रूपए की लागत से प्रखंड की विभिन्‍न पंचायतों में कुल 16 आंगनबाडी केंद्रों का निर्माण होना था। आरोप है कि इनमें से आठ आंगनबाडी केंद्रों के निर्माण हेतु पंचायत सचिव रवींद्र कुमार चंचल ने वितीय वर्ष 2013-14 व 2015-16 में 37 लाख 50 हजार रूपए की निकासी कर ली। लेकिन एक भी आंगनबाडी केंद्र निर्माण का कार्य अबतक पूरा नहीं किया जा सका। इसी प्रकार प्रखंड के तत्‍कालीन पंचायत सचिव (अब निर्वतमान) कुलवंत कुमार ने भी प्रखंड के अन्‍य आठ आंगनबाडी केंद्रों के निर्माण हेतु वितीय वर्ष 2010-11 व 215-16 में 25 लाख 85 हजार रूपए की निकासी कर ली। लेकिन आंगनबाडी केंद्रों के भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। इधर बीडीओ ने कहा है कि निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाने के कारण उसकी उपयोगिता बाधित है। उन्होंने दोनों आरोपितों को स्‍पष्‍टीकरण भेजते हुए उनसे एक सप्‍ताह के भीतर इसका जबाब देने का आदेश दिया है। साथ ही अधूरी पडी इन योजनाओं को अविलंब पूरा कराने अथवा संपूर्ण अग्रिम राशि वापस करने का आदेश दिया है। ऐसा नहीं करने पर उनपर गबन का मामला दर्ज कराते हुए विभागीय कारवाई हेतु उच्‍चाधिकारियों से आग्रह करने व राशि की वसूली हेतु निलाम पत्रवाद दायर करने की चेतावनी भी दी है। इस बाबत बीडीओ ने बताया कि पूर्व में दोनों आरोपितों से दो बार इस संबंध में स्‍पष्‍टीकरण की मांग की जा चुकी है। लेकिन उन्‍होंने अबतक इसका जबाब नहीं दिया। बीडीओ ने बताया कि अगर इसबार निर्धारित अवधि के भीतर उनका संतोषजनक जबाब नहीं आ सका तो उनके खिलाफ विधिसम्‍मत कारवाई सुनिश्चित कर दी जाएगी।

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