रक्षाबंधन को लेकर सजे पटना के बाजार, खरीदारी से बढ़ी रौनक, कई राखियां डिमांड में
पटना। सोमवार को 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाना है। बिहार के पटना में रक्षाबंधन को लेकर बाजार सज गयी है। पटना के मसौढ़ी में राखियों की दुकान पर बहनें खरीदारी करने के लिए पहुंच रही है। हर दुकानों में राखी खरीदने वालों के बीच उत्साह दिख रहा है। मसौढ़ी में चांदी की राखी की डिमांड काफी बढ़ गई है। आभूषण दुकानों में चांदी की राखी खरीदने वालों की होड़ मची है। मसौढ़ी के आभूषण दुकानदारों ने बताया कि प्रत्येक दिन कम से कम 100 से 150 चांदी की राखी की बिक्री हो रही है। लोग इसकी काफी डिमांड कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि डेढ़ सौ रुपए से लेकर 800 तक चांदी की राखी की व्यवस्था की गई है। चांदी की राखी ब्रेसलेट के तौर पर बनाई गई है जिसमें तरह-तरह के डिजाइन की राखी बाजारों में बिक रही है। बाजारों में चांदी की राखी की डिमांड बढ़ी हुई है। हर कोई आकर चांदी की राखी खरीदना चाह रहा है। तकरीबन प्रत्येक दिन 100 से अधिक राखी बिक रही है। अभी और स्टॉक मंगवाया गया है। इसकी खूब बिक्री हो रही है। 150 से 800 रुपए तक की राखी बिक रही है। इसके अलावा कई जगहों पर मोदी राखी की भी डिमांड बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाई बनाकर उन्हें राखी खरीद रहे हैं। मसौढ़ी में तकरीबन 84 राखी की दुकानें सजी हुई है। हर तरफ बाजारों में राखी को लेकर उत्साह देखते बन रहा है। सभी बहन इस पर्व को काफी बेसब्री से इंतजार करती हैं। दूर रहने वाले भाई रक्षाबंधन पर बहन से राखी बंधवाने आते हैं। पटना के मसौढ़ी में राखी खरीदने के लिए पहुंची सुजाता कुमारी ने कहा कि वह भी चांदी की राखी खरीदेगी। बताया कि वह हर साल बाजार में उपलब्ध राखी में से किसी तरह की राखी खरीद लेती थी लेकिन इस बार मन बनाया है कि चांदी की राखी अपने भाई की कलाई पर बांधेगी। पूजा कुमारी कुमारी ने कहा कि चांदी की राखी कभी खराब नहीं होती है। कलाई पर हमेशा बांधे रख सकते हैं।
रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, सिर्फ 5 घंटे का ही शुभ मुहूर्त
भाई-बहन के प्रेम का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन में इस साल भद्रा का साया है। इस कारण दोपहर 1:32 बजे के बाद राखी बांधी जाएगी। सावन शुक्ल पूर्णिमा में 19 अगस्त सोमवार को श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र के युग्म संयोग में राखी का पर्व मनेगा। इस दिन सौभाग्य ओर शोभन योग भी बन रहा है। सावन महीने की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त सोमवार देर रात 12:36 बजे तक रहेगा। इस दिन भद्रा होने से मिथिला पंचांग के मुताबिक दोपहर 1:32 बजे के बाद बहन अपने भाई के कलाई पर स्नेह की राखी बांधेगी। शास्त्रों में भद्रा रहित काल में ही राखी बांधने का प्रचलन है। शुभ योग में रक्षाबंधन का पर्व मनाने से ऐश्वर्य व सौभाग्य की वृद्धि होती है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार सावन पूर्णिमा को अक्षत, पीला सरसों, दूब और स्वर्ण खंड या पीला सिक्का को नए पीला रेशमी या सूती वस्त्र में बांधकर कलाई में बांधने तक वस्त्र या मौली को जोड़कर रखे। भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इसके अलावे अन्य कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य भद्रा में करना वर्जित है। इससे अशुभ फल की प्राप्ति होती है। भद्रा के उग्र स्वभाव के कारण ब्रह्माजी ने इन्हें पंचाग के एक प्रमुख अंग करण में स्थान दिया। पंचाग में इनका नाम विष्टी करण रखा गया है। दिन विशेष पर भद्रा करण लगने से शुभ कार्यों को करना निषेध माना गया है।