हार के डर से चुनावी क्षेत्र बदलने की फ़िराक में हैं भाजपा के कई नेता : राजीव रंजन

पटना। भाजपा पर चुटकी लेते हुए JDU के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा कि लगातार मजबूत होती विपक्षी एकता और केंद्र सरकार के खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश से भाजपा के दिग्गज अंदर से हिल गये हैं। लोगों का कहना है कि भाजपा के कई नेता चुनाव से पहले ही हार मान चुके हैं, इसीलिए वह अभी से ही अपना चुनावी क्षेत्र बदलने की फ़िराक में लग गये हैं। जनता के गुस्से को भांपते हुए उन्हें डर है कि पुरानी सीट पर लड़ने से कहीं उनकी जमानत तक जब्त न हो जाए। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के नेताओं को जनाक्रोश के अलावा अपनी खुद की पार्टी के नेताओं से भी खतरा महसूस हो रहा है। दरअसल, खुद को मठाधीश मानने वाले कुछ नेताओं के कारण भाजपा दल से दलदल में तब्दील हो चुकी है। पूरी पार्टी अनेक खेमों में बनती हुई है। वही संगठन के भीतर हर बड़े नेता ने अपना एक अलग संगठन बनाया हुआ है, जो दूसरे नेता का पत्ता काटने में लगा रहता है। भाजपा के नेताओं को डर है कि उनके पार्टी के प्रतिद्वंदी भी उनकी हार का एक बड़ा कारण बन सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी भले ही इन नेताओं के आंतरिक मतभेदों को छिपाने में पसीना बहा रही है, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे इनका मनभेद बढ़ता जाएगा। इसके लक्षण अभी से ही दिखायी देने शुरू हो गये हैं। आने वाले समय में यदि इनका संगठन कई टुकड़ों में टूट जाए तो किसी को कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। भाजपा के बिहार की सभी सीटें जीतने के दावे को खोखली हवाबाजी बताते हुए JDU महासचिव ने कहा कि भाजपा के नेता जानते है कि आगामी लोकसभा में जनता उनका बोरिया-बिस्तर बांधने वाली है। इसीलिए यह लोग अभी से ही लंबे लंबे दावे कर और झूठे आरोप लगाकर अपनी झेंप मिटाने में लगे हैं। यह अपने डर को जनता से छिपाने और उन्हें बरगलाने का इनका प्रयास भर है, जो कभी पूरा नहीं होने वाला है।

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