November 26, 2025

दानापुर में गंगा नदी में नाव से गिरा युवक, मोबाइल देखते समय हादसा, शव की तलाश में जुटी एसडीआरएफ

पटना। जिले के दानापुर क्षेत्र में सोमवार देर शाम एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसमें नाव से गिरकर एक युवक गंगा नदी में डूब गया। घटना नासरीगंज घाट के पास हुई, जब युवक नाव पर बैठे-बैठे मोबाइल देख रहा था और इसी दौरान अचानक संतुलन बिगड़ने से नदी में जा गिरा। तेज धारा की वजह से वह कुछ ही क्षणों में बह गया। घटना के बाद से आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई है और परिवार के लोग सदमे में हैं।
मोबाइल देखने के दौरान हुआ हादसा
डूबने वाले युवक की पहचान अकीलपुर थाना क्षेत्र के विशुनपुर गांव निवासी संजय कुमार के रूप में हुई है। ग्रामीणों के अनुसार सोमवार शाम संजय नासरीगंज घाट से नाव पर सवार होकर अपने घर लौट रहा था। नाव में कई अन्य लोग भी मौजूद थे। बताया जाता है कि संजय नाव पर बैठकर अपने मोबाइल में व्यस्त था और शायद इसी वजह से उसे अंदाजा नहीं हुआ कि उसका संतुलन बिगड़ रहा है। अचानक उसने अपना शरीर थोड़ा सा आगे झुकाया और मोबाइल देखते-देखते उसका पैर फिसल गया। वह सीधे गंगा नदी की तेज धारा में जा गिरा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पूरी घटना कुछ ही सेकंड में हो गई और किसी को संभलने का मौका नहीं मिला।
बचाने की कोशिश की, पर तेज धारा के आगे हार गए ग्रामीण
नाव पर मौजूद लोगों ने तुरंत संजय को बचाने की कोशिश की। कुछ ने नदी में हाथ बढ़ाकर पकड़ने का प्रयास किया, जबकि अन्य ने नाव को मोड़कर उसकी ओर बढ़ने की कोशिश की। लेकिन गंगा नदी की धारा इतनी तेज थी कि कुछ ही पलों में संजय आंखों से ओझल हो गया। नाव वालों ने तुरंत परिजनों को फोन कर जानकारी दी। खबर मिलते ही संजय के परिवारवाले और गांव के लोग रात में ही घाट पर जमा हो गए, लेकिन अंधेरा होने की वजह से खोजबीन संभव नहीं हो सकी। ग्रामीणों ने बताया कि नदी का पानी इन दिनों काफी तेज है और धारा में बेहद तेजी है।
सुबह होते ही ग्रामीणों की भीड़ और एसडीआरएफ की टीम सक्रिय
मंगलवार सुबह जैसे ही उजाला हुआ, बड़ी संख्या में ग्रामीण गंगा किनारे इकट्ठा हो गए। स्थिति को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई। टीम सुबह घाट पर पहुंची और तेज धारा में बोट की मदद से खोज अभियान शुरू किया। एसडीआरएफ के गोताखोर नदी में उतरकर अलग-अलग हिस्सों में तलाश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक संजय का पता नहीं चल सका है। टीम ने बताया कि धाराओं के बीच शव किसी अन्य दिशा में भी बह सकता है, इसलिए खोज क्षेत्र को बढ़ाया गया है।
स्थानीय प्रतिनिधियों ने उठाए पीपा पुल को लेकर सवाल
घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पूर्व प्रखंड प्रमुख मनोज यादव ने बताया कि दियारा क्षेत्र के लोग हर साल पीपा पुल पर निर्भर रहते हैं। नियम के अनुसार पीपा पुल 15 अक्टूबर के बाद चालू किया जाना चाहिए, लेकिन इस वर्ष पुल जोड़ने का काम अक्टूबर महीने में शुरू होने के बावजूद पुल अभी तक शुरू नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि अगर पीपा पुल चालू होता, तो दियारा क्षेत्र के लोगों को नाव से आने-जाने की जरूरत नहीं पड़ती। संजय कुमार भी शायद पुल के माध्यम से घर लौट जाता और यह हादसा टल सकता था। दियारा क्षेत्र के लोगों की यह पुरानी शिकायत है कि पीपा पुल समय से चालू नहीं किया जाता, जिससे कई बार लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है।
परिजनों में मातम, गांव में शोक का माहौल
संजय कुमार की गुमशुदगी की खबर सुनकर परिवारवाले बेहाल हैं। उनकी मां और पत्नी का रो-रोकर हाल खराब है। ग्रामीणों के अनुसार संजय मेहनती और सुलझा हुआ युवक था। परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है, ऐसे में उसका यूं अचानक लापता हो जाना परिवार के लिए बड़ा सदमा है। गांव में हर तरफ गम और चिंता का माहौल है। ग्रामीण लगातार नदी किनारे जुटे हैं और किसी चमत्कार की उम्मीद में एसडीआरएफ के अभियान को देख रहे हैं।
पुलिस ने शुरू की जांच, प्रशासन सतर्क
घटना की जानकारी मिलने के बाद दानापुर पुलिस भी घाट पर मौजूद है। पुलिस ने बताया कि यह स्पष्ट रूप से एक दुर्घटना का मामला है। नाविकों से पूछताछ की जा रही है ताकि घटना क्रम की सटीक जानकारी मिल सके। प्रशासन ने एसडीआरएफ को लगातार खोज अभियान जारी रखने का निर्देश दिया है। पुलिस और प्रशासन लोगों से सावधानी बरतने और नाव पर मोबाइल देखते हुए खड़े न होने की अपील कर रहे हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में नदी की धारा बेहद खतरनाक मानी जाती है।
दुर्घटनाओं पर नियंत्रण को लेकर फिर उठे सवाल
दानापुर का यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि दियारा क्षेत्रों में परिवहन की सुरक्षित व्यवस्था कब सुनिश्चित होगी। पीपा पुल चालू न होने के कारण लोग नावों का सहारा लेते हैं, जो कई बार जानलेवा साबित होता है। संजय कुमार की तलाश जारी है और पूरा गांव इस उम्मीद में है कि जल्द ही उसका शव बरामद कर परिवार को अंतिम संस्कार का अवसर मिल सके। फिलहाल नदी किनारे इंतजार और चिंता दोनों का माहौल है, जबकि एसडीआरएफ पूरी मजबूती के साथ खोज में जुटी है।

You may have missed