October 30, 2025

पटना में अवैध बालू माफियाओं पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, एसपी के नेतृत्व में चला विशेष तलाशी अभियान

  • बीती रात पुलिस की छापेमारी से बालू माफियाओं में हड़कंप, सड़क पर उतरे सिटी एसपी, कई अवैध ट्रक जब्त

पटना। बिहार में बालू माफियाओं का अवैध खनन लंबे समय से एक गंभीर समस्या बना हुआ है। प्रशासनिक कार्रवाई और निगरानी के बावजूद बालू माफिया बेखौफ होकर अपना अवैध कारोबार जारी रखे हुए हैं। राजधानी पटना के सोन नदी तटवर्ती क्षेत्रों में शुक्रवार रात को प्रशासन ने बालू माफियाओं के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाकर कई अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने का प्रयास किया। इस कार्रवाई का नेतृत्व पटना पश्चिम के नगर पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने किया। बालू माफियाओं के अवैध धंधे पर नियंत्रण पाने और खनन से हो रहे राजस्व के नुकसान को रोकने के लिए यह अभियान चलाया गया। खासतौर पर सोन नदी के किनारे स्थित पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र को निशाना बनाया गया। इस विशेष अभियान का नेतृत्व पटना पश्चिम के एसपी और पालीगंज अनुमंडल के दो पुलिस पदाधिकारियों ने किया। सोन नदी तटवर्ती इलाकों में बालू लदे ओवरलोडेड वाहनों की गहन जांच की गई। कई अवैध बालू लदे ट्रकों को जब्त किया गया और बालू खनन से संबंधित अन्य गतिविधियों पर नजर रखी गई। बिहार में बालू खनन का अवैध कारोबार एक बड़ा माफिया नेटवर्क बन चुका है। इसमें न केवल बालू माफिया बल्कि कुछ प्रशासनिक कर्मियों की मिलीभगत की भी आशंका है। जांच में सामने आया कि माफियाओं ने सोन नदी से बालू परिवहन के लिए नहर को काटकर रास्ता बना लिया है। माफियाओं के बेखौफ रवैये के पीछे प्रशासनिक ढिलाई और कुछ भ्रष्ट कर्मियों की भूमिका को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। पटना हाईकोर्ट के वकील मणिभूषण सेंगर ने पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र में चल रहे बालू माफियाओं के अवैध कारोबार का खुलासा किया था। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को प्रमाणित शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। खगौल स्थित सोन नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने एसपी को पत्र लिखकर माफियाओं द्वारा नहर को काटने और रास्ता बनाने की जानकारी दी। अवैध खनन के खिलाफ पहली कार्रवाई 28 नवंबर को की गई थी, लेकिन इसके बावजूद माफियाओं की गतिविधियां जारी रहीं। 6 दिसंबर की रात को सैकड़ों पुलिसकर्मियों के साथ चलाए गए इस अभियान के दौरान कई अवैध बालू लदे ट्रकों को जब्त किया गया। इस कार्रवाई से माफियाओं के अवैध धंधे को कुछ हद तक झटका लगा है। प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि इस तरह के अभियान नियमित रूप से चलाए जाएंगे ताकि बालू माफियाओं की गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके। बालू का अवैध खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है बल्कि राज्य के राजस्व को भी भारी नुकसान होता है। नदियों के तटवर्ती इलाकों में खनन के कारण मिट्टी कटाव और पारिस्थितिक असंतुलन की समस्या बढ़ रही है। अवैध खनन के कारण सरकार को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। बालू माफियाओं की गतिविधियां अक्सर हिंसक घटनाओं और कानून व्यवस्था में बाधा का कारण बनती हैं। पटना में बालू माफियाओं के खिलाफ प्रशासन की यह कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है। हालांकि, इसे प्रभावी बनाने के लिए नियमित छापेमारी और सख्त कानून लागू करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, प्रशासनिक ढांचे में पारदर्शिता लाकर भ्रष्टाचार को समाप्त करना भी अनिवार्य है। राज्य सरकार और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि अवैध बालू खनन पर पूरी तरह से लगाम लगे और बालू माफियाओं का नेटवर्क समाप्त हो। इससे न केवल राज्य का राजस्व बढ़ेगा बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक संतुलन भी बना रहेगा।

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