महागठबंधन में आपसी कलह से बड़ी टूट होगी, कई लोग हमारे संपर्क में, जल्द होंगे शामिल : दिलीप जायसवाल
पटना। बिहार की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले हलचलें तेज हो गई हैं। महागठबंधन में शामिल दलों के बीच मतभेद की खबरों के बीच एनडीए इसे अपने लिए एक अवसर के रूप में देख रहा है। इसी क्रम में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का एक बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने महागठबंधन में टूट की संभावना जताई है।
महागठबंधन में वैचारिक मतभेद का दावा
दिलीप जायसवाल ने कहा कि महागठबंधन में वैचारिक एकता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरजेडी कांग्रेस को ‘झोला उठाने वाली पार्टी’ बना देना चाहती है। ऐसी स्थिति में कई नेता असंतुष्ट हैं और बीजेपी के संपर्क में हैं। जायसवाल ने दावा किया कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, महागठबंधन के कई नेता एनडीए का रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि एक बड़े नेता ने खुद उनसे मुलाकात कर कहा कि अगर उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला, तो वे एनडीए में शामिल हो सकते हैं।
मुकेश सहनी पर टिकी निगाहें
इस सियासी बयानबाजी के बीच वीआईपी पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी की भूमिका को लेकर चर्चाएं तेज हैं। हाल ही में उनकी बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से मुलाकात ने इन अटकलों को और हवा दी है कि क्या वे फिर से एनडीए में लौट सकते हैं। हालांकि मुकेश सहनी ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि वे महागठबंधन के साथ मजबूती से खड़े हैं।
सहनी ने दी सफाई
मुकेश सहनी ने स्पष्ट किया कि कुछ लोग उन्हें कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं, लेकिन वे पूरी ताकत से महागठबंधन के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सहनी ने यह भी कहा कि लोग उनकी ताकत को समझते हैं और उम्मीद करते हैं कि वे किसी की नैया पार लगा सकते हैं। इसलिए ऐसे बयान सामने आ रहे हैं।
महागठबंधन की बैठक पर टिकी निगाहें
इन तमाम राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच 17 अप्रैल को पटना में महागठबंधन की अहम बैठक होनी है। इस बैठक में तेजस्वी यादव, कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, माले और सीपीआई के नेता शामिल होंगे। खास बात यह है कि वीआईपी पार्टी के प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल होंगे। ऐसे में यह बैठक महागठबंधन की एकजुटता और भविष्य की रणनीति के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है। दिलीप जायसवाल के बयान और मुकेश सहनी की सफाई के बीच बिहार की सियासत गरमा गई है। एक तरफ एनडीए महागठबंधन में टूट की संभावना देख रहा है, तो दूसरी तरफ महागठबंधन अपनी एकजुटता साबित करने की कोशिश में जुटा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महागठबंधन अपनी एकता बनाए रख पाएगा या एनडीए को सच में नए सहयोगी मिलेंगे। चुनावी माहौल जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की संभावनाएं भी गहराती जा रही हैं।


