भागलपुर में शानदार मरीन ड्राइव का होगा निर्माण, तीन परियोजनाओं को मिली मंजूरी, बनेगा टूरिस्ट हब
भागलपुर। पूर्वी बिहार का ऐतिहासिक जिला भागलपुर हाल के वर्षों में विकास की नई दिशा तलाश रहा है। इस दिशा को मजबूत करने वाली तीन महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को हाल ही में सरकार की मंजूरी मिली है, जिनसे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि भागलपुर परिवहन, लॉजिस्टिक और पर्यटन के क्षेत्र में एक अहम केंद्र के रूप में उभर सकता है। ये तीन परियोजनाएं हैं—मुंगेर–भागलपुर मरीन ड्राइव, सुल्तानगंज ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और हल्दिया से बनारस तक इनलैंड वाटरवे। इन योजनाओं में लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है, जो इस क्षेत्र के भविष्य को व्यापक रूप से बदलने वाला साबित हो सकता है।
मरीन ड्राइव परियोजना का स्वरूप और संभावनाएं
भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि गंगा किनारे मुंगेर से भागलपुर तक बनने वाली मरीन ड्राइव परियोजना की लागत लगभग 8,500 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह परियोजना दो चरणों में पूरी की जाएगी और इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दोनों जिलों के प्रशासन से आवश्यक भूमि का विवरण मांगा गया है, जबकि बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तलब की है। इस मरीन ड्राइव के बन जाने से यात्रा मार्ग न केवल तेज और सुगम होगा, बल्कि गंगा के सुंदर तटों को देखने का अवसर भी मिलेगा, जिससे इस क्षेत्र में पर्यटन को नई दिशा मिल सकती है। विशेष रूप से भागलपुर और मुंगेर के लिए यह परियोजना बुनियादी ढांचे के विकास के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगी।
पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
मरीन ड्राइव बनने के बाद गंगा तट पर मनोरंजन, प्राकृतिक सौंदर्य और घूमने-फिरने के कई नए अवसर खुलेंगे। लोग लंबे सफर के दौरान नदी किनारे के मनमोहक दृश्य का आनंद ले सकेंगे, जिससे यहां पर्यटन उद्योग का विस्तार होगा। स्थानीय व्यापारी, होटल, रेस्टोरेंट तथा परिवहन से जुड़े लोग सीधे लाभान्वित होंगे। साथ ही, सड़क संपर्क बेहतर होने से आस-पास के कस्बों और गांवों में भी आर्थिक गतिविधियों का तीव्र विस्तार होने की संभावना है।
सुल्तानगंज ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट: कनेक्टिविटी का नया अध्याय
भागलपुर जिले को जो दूसरी बड़ी सौगात मिली है, वह है सुल्तानगंज ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट। लंबे समय से लंबित यह परियोजना अब जमीन पर उतरने के लिए तैयार मानी जा रही है। शुरुआती चरण के लिए 432.32 करोड़ रुपये की राशि जारी हो चुकी है और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने उड़ान और लैंडिंग पाथ से जुड़ी तकनीकी रिपोर्टों की मांग की है। इस एयरपोर्ट के बनने से धार्मिक पर्यटन, व्यापार और हवाई कनेक्टिविटी में भारी वृद्धि होने की उम्मीद है।
धार्मिक पर्यटन पर संभावित प्रभाव
सुल्तानगंज स्वयं धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यहां से देवघर तक प्रसिद्ध कांवड़ यात्रा निकलती है। एयरपोर्ट बनने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी। साथ ही, भागलपुर विश्वविद्यालय, कपड़ा उद्योग और रेशम व्यापार के लिए भी यह एयरपोर्ट नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। संपर्क व्यवस्था सुधरने से भागलपुर अब केवल पूर्वी बिहार का ही नहीं, बल्कि झारखंड और पश्चिम बंगाल के निकटवर्ती क्षेत्रों का भी प्रमुख हवाई केंद्र बन सकता है।
हल्दिया–बनारस जलमार्ग: व्यापार और पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण
तीसरी मुख्य परियोजना है हल्दिया से बनारस तक इनलैंड वाटरवे का निर्माण, जिसके माध्यम से बांग्लादेश से लेकर उत्तर प्रदेश तक का जलमार्ग और अधिक सुलभ एवं उपयोगी हो सकेगा। यह मार्ग गंगा के जरिए माल ढुलाई के लिए अत्यंत कम लागत वाला विकल्प प्रदान करेगा। जहाजों के परिचालन शुरू होने के बाद सड़क यातायात पर दबाव कम होगा, जिससे दुर्घटनाओं और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
जलमार्ग से होने वाले बहुआयामी लाभ
इनलैंड वाटरवे विकसित होने से माल परिवहन की लागत में भारी कमी आएगी, खासकर उन उद्योगों के लिए जो बड़े पैमाने पर सामान का आवागमन करते हैं। साथ ही, नदी किनारे हो रहे कटाव को रोकने में भी यह परियोजना सहायक साबित होगी। गर्मियों में जलस्तर कम होने के कारण जिन क्षेत्रों में जलसंकट उत्पन्न हो जाता है, वहां इस जलमार्ग के विकास से स्थिति बेहतर होगी। इसके अलावा जल-पर्यटन, क्रूज सेवाएं और एग्रो-टूरिज्म जैसी गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलने की संभावना है।
भागलपुर के विकास का नया अध्याय
अधिकारियों का मानना है कि इन तीनों परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद भागलपुर की छवि एक नए रूप में सामने आएगी। यह जिला न केवल पूर्वी बिहार का आर्थिक केंद्र बनेगा, बल्कि रोजगार, निवेश और पर्यटन के नए अवसर भी प्रदान करेगा। परिवहन सुधार, कनेक्टिविटी विस्तार और जलमार्ग विकास से भागलपुर की क्षेत्रीय भूमिका और अधिक मजबूत होगी। इन परियोजनाओं से भागलपुर का आने वाला समय अत्यंत संभावनाओं से भरपूर दिखाई देता है। यह बदलाव न केवल स्थानीय निवासियों के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी करेगा, बल्कि पूरे पूर्वी बिहार की प्रगति को नई दिशा देगा।


