प्रदेश के पशुओं में तेजी से फैल रहा लंपी वायरस, टीकाकरण फेल, देखभाल करना बेहद जरूरी
पटना। बिहार में तेजी से फैल रहा लंपी वायरस पशुओं के लिए गंभीर खतरा बन गया है। यह बीमारी मुख्य रूप से गायों और उनके बछड़ों को प्रभावित कर रही है, खासतौर पर कम उम्र की बाछियों में इसके मामले अधिक देखने को मिल रहे हैं। सरकार ने दो महीने पहले व्यापक स्तर पर पशुओं का टीकाकरण कराया था, लेकिन उसके बावजूद संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। यह स्थिति चिंता का विषय है, क्योंकि टीका लगवाने के बाद भी पशु संक्रमित हो रहे हैं, जिससे टीकाकरण की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।लंपी वायरस एक संक्रामक रोग है, जो गायों और अन्य गोवंशीय पशुओं में फैलता है। यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित पशु के संपर्क या मच्छरों, मक्खियों जैसी कीटों के माध्यम से फैलता है। बीमारी की शुरुआत तेज बुखार से होती है। संक्रमित पशु खाना-पीना छोड़ देता है और उसके शरीर पर कठोर फोड़े या घाव बनने लगते हैं। कुछ दिनों में ये घाव फट जाते हैं, जिससे पशु के पैरों में सूजन आ जाती है। लंपी वायरस का संक्रमण मुख्य रूप से गंदगी और संक्रमित पशु के संपर्क में आने से फैलता है। अगर गौशाला की सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाए, तो संक्रमण थोक में फैल सकता है। साथ ही, संक्रमित पशु को अन्य स्वस्थ पशुओं के साथ रखने से भी बीमारी फैलती है। बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर सबसे पहले पशु को तुरंत नजदीकी सरकारी पशु अस्पताल ले जाना चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इससे पशु की स्थिति बिगड़ सकती है। इलाज के दौरान पशु की सफाई और स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना जरूरी है। पशुपालकों को यह सलाह दी जाती है कि वे गौशाला में जाते और निकलते समय खुद को सैनिटाइज करें, ताकि वायरस का क्षेत्र में फैलाव ना हो। अगर पशु की हालत सामान्य बनी रहे, तो कुछ घरेलू उपाय किए जा सकते हैं। नीम के पत्तों को उबालकर ठंडा पानी बनाएं और उससे दिन में दो बार पशु के शरीर को साफ करें। पान के 10 पत्ते, काली मिर्च, नमक और गुड़ मिलाकर पेस्ट बनाएं। पहले दिन हर 3 घंटे में एक खुराक दें और अगले 15 दिनों तक दिन में तीन बार दें। लंपी वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सफाई रखना बेहद जरूरी है। गौशाला का वातावरण स्वच्छ रखें, नियमित रूप से पशुओं और उनके रहने की जगह को सैनिटाइज करें। संक्रमित पशु को तुरंत अलग करें ताकि अन्य स्वस्थ पशु सुरक्षित रहें। लंपी वायरस पशुपालन के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसका रोकथाम केवल टीकाकरण से ही नहीं, बल्कि साफ-सफाई और सतर्कता से भी संभव है। पशुपालकों को चाहिए कि वे बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और घरेलू उपायों के साथ उचित चिकित्सा भी करवाएं।


