बिहार के लाखों मछुआरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न, राहत एवं बचत योजना को यथाशीघ्र लागू हो : ऋषिकेश

पटना। बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ लि. (कॉफ्फेड), पटना के प्रबंध निदेशक-सह-फिश्कोफेड, नई दिल्ली के निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार 15 जून से 15 अगस्त तक गंगा, गंडक एवं अन्य सदाबहार नदियों में मछली शिकारमाही पर रोक लगाई है। जिससे राज्य के लाखों मछुआरे बेरोजगार हो जायेंगे। बेरोजगारी से बचाने के लिए केन्द्र सरकार ने मछुआरों के लिए राहत एवं बचत योजना लागू की है। केन्द्र सरकार ने यह नीति बनायी है कि जिन राज्यों की सरकारें अधिनियम के द्वारा मानसून में सदाबहार नदियों में मछली शिकारमाही पर प्रतिबंध लगाएगी, उन राज्य के मछुआरों को केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा राहत दिया जाएगा। इस योजना अंर्तगत 33.3 प्रतिशत राशि 3000 रुपए मछुआरों को, 33.3 प्रतिशत राशि 3000 रुपए केन्द्र एवं इतनी ही राशि राज्य सरकार को देने होते हैं। कुल 9000 रुपए राशि दो माह 15 जून से 15 जुलाई 4500 एवं 15 जुलाई से 15 अगस्त में 4500 सौ रुपए की दर से मछुआरों के बीच वितरण किया जाना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस योजना को लागू नहीं करने से लाखों मछुआरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो रही है। श्री कश्यप ने राज्य सरकार से मांग किया है कि मछुआरों के हित में केन्द्र प्रायोजित राहत एवं बचत योजना को यथाशीघ्र लागू किया जाए, नि:शुल्क शिकारमाही परिचय पत्र निर्गत किया जाय, प्रतिषेध के संबंध में दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाए ताकि लाखों मछुआरों को इस योजना का लाभ मिल सकें।
