October 28, 2025

मुजफ्फरपुर में पुलिस टीम पर शराब तस्करों का हमला, तीन महिला सिपाही गंभीर रूप से घायल

मुजफ्फरपुर। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद देसी शराब के अवैध कारोबार पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग सका है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर जिले से सामने आया है, जहां बेखौफ शराब तस्करों ने छापेमारी करने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में तीन महिला पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गईं। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
करैला गांव में छापेमारी के दौरान हुआ हमला
यह घटना मुजफ्फरपुर जिले के पीयर थाना क्षेत्र के करैला गांव की है। सोमवार देर शाम थानाध्यक्ष रजनीकांत के नेतृत्व में पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि गांव के बड़गांव स्थित सुरेश पासवान के घर में अवैध रूप से देसी शराब बनाई जा रही है। सूचना पुख्ता मानते हुए पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। टीम में महिला सिपाही पुष्पा कुमारी, काजल कुमारी और पूजा कुमारी भी शामिल थीं। जैसे ही पुलिस ने छापेमारी शुरू की, वहां मौजूद शराब तस्करों ने अचानक ईंट-पत्थर और शराब की बोतलों से पुलिस टीम पर हमला बोल दिया। बताया जाता है कि हमलावरों ने पुलिस टीम को घेरकर हमला किया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। किसी तरह पुलिस ने स्थिति संभाली और कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल गांव में पहुंचा और स्थिति पर काबू पाया गया।
तीन महिला सिपाही घायल, पीएचसी में कराया गया इलाज
हमले में तीन महिला सिपाही पुष्पा कुमारी, काजल कुमारी और पूजा कुमारी — घायल हो गईं। तीनों को तुरंत इलाज के लिए बंद्रा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) भेजा गया। वहां प्रभारी चिकित्सक डॉ. नौशाद अहमद ने उनका प्राथमिक उपचार किया। डॉक्टर के अनुसार, सभी सिपाहियों को हल्की चोटें आई थीं और अब वे खतरे से बाहर हैं। इलाज के बाद तीनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधिकारियों में खलबली मच गई। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच की।
छह आरोपी गिरफ्तार, एफआईआर दर्ज कर भेजा गया जेल
हमले के तुरंत बाद पीयर थाना की पुलिस ने देर रात दोबारा छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने मुख्य आरोपी सुरेश पासवान समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुरेश पासवान, कुंती देवी, गीता देवी, रोहित कुमार, रविरंजन कुमार और चंदन पासवान के रूप में की गई है। पुलिस ने सभी को मंगलवार सुबह न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। थानाध्यक्ष रजनीकांत ने बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपी देसी शराब के अवैध कारोबार में शामिल थे। हमले में शामिल अन्य फरार तस्करों की तलाश में छापेमारी अभियान जारी है। पुलिस ने इस घटना के बाद इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया और कई संदिग्ध ठिकानों पर दबिश दी।
शराबबंदी के बाद भी जारी है अवैध कारोबार
गौरतलब है कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने वर्ष 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी। इसके बावजूद राज्य के कई इलाकों में देसी शराब का अवैध निर्माण और बिक्री का कारोबार फलफूल रहा है। मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, गया और सिवान जैसे जिलों में पुलिस को आए दिन ऐसी गतिविधियों की सूचना मिलती रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि करैला गांव और आसपास के इलाकों में लंबे समय से अवैध शराब बनाने का धंधा चल रहा है। कई बार पुलिस ने कार्रवाई की, लेकिन तस्कर फिर से सक्रिय हो जाते हैं। ग्रामीणों ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि गांव में फिर से ऐसी घटनाएं न हों।
महिला सिपाहियों पर हमला निंदनीय
इस घटना पर पुलिस विभाग के कई अधिकारियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ड्यूटी पर तैनात महिला सिपाहियों पर हमला बेहद निंदनीय और गंभीर अपराध है। इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में पुलिस टीमों पर हमले की घटनाओं में वृद्धि हुई है। ऐसे मामलों में प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि छापेमारी के दौरान पर्याप्त सुरक्षा बल के साथ कार्रवाई करें ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इलाके में बढ़ाई गई पुलिस चौकसी
हमले के बाद पुलिस ने पीयर थाना क्षेत्र और आसपास के गांवों में गश्ती और निगरानी बढ़ा दी है। संदिग्ध लोगों और गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। पुलिस ने स्थानीय मुखबिरों को भी सक्रिय किया है ताकि अवैध शराब निर्माण की जानकारी समय रहते मिल सके। थानाध्यक्ष रजनीकांत ने कहा कि पुलिस का अभियान जारी रहेगा। “हमने करैला, बड़गांव और आसपास के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। कुछ और नाम सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी,” उन्होंने कहा। मुजफ्फरपुर में पुलिस टीम पर हुआ यह हमला एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद तस्कर कितने बेखौफ हैं। हालांकि पुलिस की तत्परता से आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं, लेकिन यह घटना यह भी दर्शाती है कि जमीनी स्तर पर अब भी शराब माफिया सक्रिय हैं। प्रशासन के लिए यह चुनौती है कि आने वाले समय में ऐसे नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जाए और कानून-व्यवस्था पर जनता का भरोसा कायम रहे।

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