कैमूर में यूपी से लाई जा रही 30 लाख की शराब बरामद, एक गिरफ्तार, टीम ने छापेमारी कर दबोचा
कैमूर। बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब की तस्करी लगातार पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। इसी कड़ी में कैमूर जिले की पुलिस ने नए साल से पहले एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शराब तस्करों को करारा झटका दिया है। रामगढ़ थाना क्षेत्र में की गई छापेमारी में पुलिस ने लगभग 30 लाख रुपये मूल्य की भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद की है। इस कार्रवाई से न केवल तस्करों की योजना पर पानी फिरा है, बल्कि पुलिस की सतर्कता भी सामने आई है।
उत्तर प्रदेश से लाई जा रही थी शराब की खेप
पुलिस जांच में सामने आया है कि बरामद की गई शराब उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से चोरी कर बिहार लाई गई थी। यह शराब चंदौली जिले के कंदवा थाना क्षेत्र अंतर्गत तलाशपुर में संचालित एक शराब ठेके से चोरी की गई थी। शनिवार की आधी रात अज्ञात चोरों ने वहां से बड़ी मात्रा में शराब उड़ा ली थी। ठेका मालिक की शिकायत पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी और मामले की जांच शुरू की गई थी।
तकनीकी जांच से कैमूर तक पहुंची पुलिस
कंदवा थाना पुलिस ने मामले की तकनीकी जांच की, जिसमें यह पता चला कि चोरी की गई शराब की खेप बिहार के कैमूर जिले की ओर लाई गई है। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने कैमूर पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद रामगढ़ थाना पुलिस को अलर्ट किया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी गई।
विशेष टीम का गठन और छापेमारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए मोहनिया अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रदीप कुमार के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने रामगढ़ थाना क्षेत्र के सराय गांव में छापेमारी की योजना बनाई। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने गांव के बधार क्षेत्र में स्थित एक सरकारी ट्यूबवेल को घेरा, जहां शराब की खेप छिपाकर रखी गई थी।
सरकारी ट्यूबवेल से मिली 2990 लीटर शराब
छापेमारी के दौरान पुलिस को सरकारी ट्यूबवेल के पास से कुल 2990 लीटर अवैध शराब बरामद हुई। शराब की मात्रा इतनी अधिक थी कि उसे देखकर पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए। बरामद शराब की अनुमानित कीमत करीब 30 लाख रुपये बताई जा रही है। शराब को इस तरह छिपाकर रखा गया था कि आम लोगों या प्रशासन की नजर उस पर आसानी से न पड़े।
एक आरोपी गिरफ्तार, पूछताछ जारी
इस मामले में पुलिस ने मसाढ़ी गांव निवासी अविनाश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि अविनाश कुमार सिंह से पूछताछ की जा रही है और उससे तस्करी से जुड़े कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। प्रारंभिक पूछताछ में यह संकेत मिले हैं कि इस तस्करी में एक संगठित गिरोह शामिल हो सकता है।
अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस
मोहनिया अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि शराब तस्करी में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। पुलिस को शक है कि शराब को उत्तर प्रदेश से बिहार लाने में कई लोग शामिल थे और इसे आगे अलग-अलग स्थानों पर सप्लाई करने की योजना थी। पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है और जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
शराबबंदी के बीच तस्करी की चुनौती
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है, इसके बावजूद सीमावर्ती इलाकों से शराब की तस्करी के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। खासकर उत्तर प्रदेश और झारखंड से सटे जिलों में शराब तस्कर सक्रिय रहते हैं। कैमूर जिला भी उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा होने के कारण तस्करों के लिए एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। ऐसे में पुलिस की सतर्कता और नियमित छापेमारी बेहद जरूरी हो जाती है।
नए साल से पहले पुलिस की सतर्कता
नए साल के मौके पर शराब की मांग बढ़ने की आशंका रहती है। इसी कारण पुलिस प्रशासन इस समय विशेष रूप से सतर्क है। कैमूर पुलिस की इस कार्रवाई को नए साल से पहले तस्करों पर कड़ी नजर रखने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पुलिस का कहना है कि आगे भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे और शराब तस्करी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्थानीय लोगों में पुलिस कार्रवाई की चर्चा
सराय गांव और आसपास के इलाकों में इस छापेमारी की चर्चा जोरों पर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में शराब का बरामद होना यह दिखाता है कि तस्कर कितने बड़े पैमाने पर काम कर रहे थे। वहीं कुछ लोगों ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि इससे इलाके में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा। कैमूर पुलिस की यह कार्रवाई शराब तस्करों के लिए एक सख्त संदेश है। लगभग 30 लाख रुपये की 2990 लीटर अवैध शराब की बरामदगी और एक आरोपी की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि पुलिस शराबबंदी को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए लगातार प्रयासरत है। आने वाले दिनों में जांच पूरी होने के बाद इस तस्करी नेटवर्क से जुड़े और लोगों के सामने आने की उम्मीद है।


