प्रदेश के कई जिलों में वज्रपात का अलर्ट, पटना में सुहाना रहेगा मौसम, होगी हल्की बारिश
पटना। बिहार में लगातार जारी प्रचंड गर्मी के बाद मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। पिछले कुछ दिनों से राज्य में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका था, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। लोग दिन के समय घरों से बाहर निकलने से परहेज करने लगे थे और सड़कों पर सन्नाटा देखने को मिल रहा था। ऐसे में मौसम में आया बदलाव लोगों के लिए कुछ राहत लेकर आया है।
बंगाल की खाड़ी का असर
बिहार के मौसम में यह बदलाव बंगाल की खाड़ी में हो रही मौसमी गतिविधियों के चलते आया है। वहां बने चक्रवाती सिस्टम का असर पूरे पूर्वी भारत पर पड़ रहा है, जिससे बिहार के अधिकांश हिस्सों में आंधी और बारिश की स्थिति बन रही है। इससे तापमान में तेजी से गिरावट आई है, जो लोगों के लिए राहतकारी है।
तेज बारिश और वज्रपात का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी), पटना की ओर से राज्य के कई जिलों में तेज बारिश, आंधी और वज्रपात को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विशेष रूप से नालंदा, नवादा, बेगूसराय, सारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, जहानाबाद, लखीसराय और शेखपुरा जिलों में 30 अप्रैल और 2 से 3 मई तक मौसम खराब रह सकता है। लोगों से अपील की गई है कि वे इस दौरान सतर्क रहें और खुले स्थानों पर जाने से बचें।
पटना में सुहाना मौसम और हल्की बारिश की संभावना
राजधानी पटना में भी मौसम विभाग ने 3 मई तक हल्की बारिश और बादलों की आवाजाही की संभावना जताई है। जहां कुछ दिन पहले यहां का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया था, वहीं अब अधिकतम तापमान 31 से 32 डिग्री के आसपास बना हुआ है। इसके कारण मौसम न सिर्फ सुहावना हो गया है, बल्कि लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली है।
तापमान में गिरावट और लू से राहत
आईएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले तीन दिनों तक राज्य में लू चलने की कोई संभावना नहीं है। अधिकतम तापमान में तीन से पांच डिग्री और न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री तक की गिरावट हो सकती है। रविवार की शाम से ही राज्य के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे वातावरण में नमी बनी हुई है और हवा में ठंडक घुल गई है।
आगे के लिए सतर्कता जरूरी
हालांकि यह राहत कुछ दिनों की हो सकती है, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेना जरूरी है। वज्रपात के खतरे को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, विशेष रूप से खेतों या खुले इलाकों में काम कर रहे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे में प्रशासन और आमजन दोनों को मौसम की ताजा स्थिति पर निगरानी बनाए रखनी चाहिए।


