ECR के महाप्रबंधक LC त्रिवेदी सेवानिवृत्त, दी गयी भावभीनी विदाई, उपलब्धियों से भरपूर रहा कार्यकाल

* भारतीय रेल से सेवानिवृत्त हुए 3,865 अधिकारी व कर्मचारी, रेल मंत्री ने की सुखमय भविष्य की कामना
* यात्री सेवा, नई लाईन दोहरीकरण, विद्युतीकरण सहित समग्र क्षेत्र में किया नया आयाम स्थापित


पटना। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी 40 वर्षों से ज्यादा रेलवे को उत्कृष्ट सेवा देने के उपरांत गुरूवार (30 जून) को रेल सेवा से सेवानिवृत्त हो गये। रेल, वाणिज्य, उद्योग एवं खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री पीयूष गोयल ने आज संपूर्ण भारतीय रेल से सेवानिवृत्त हो रहे 3,865 अधिकारियों व कर्मचारियों को नई दिल्ली से वीडियो लिंक के माध्यम से भावभीनी विदाई देते हुये उनके सुखमय भविष्य की कामना की। रेल मंत्री श्री गोयल ने अपने संबोधन में महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी को भारतीय रेल का सबसे होनहार अधिकारी बताया। उन्होंने कहा कि श्री त्रिवेदी रिटायर्ड जरूर हो रहे हैं लेकिन वह टायर्ड नहीं हुए हैं। रेल में उनके 40 वर्षों का अनुभव काफी कारगर सिद्ध हो, इसके लिए रेल से जुड़े रहने का सुझाव दिया।
रेलवे बोर्ड के एनजीओ, जो रेल सहयोग के रूप में जानी जाती है, जिसमें अमूमन रेलवे के रिटायर्ड वरीय अधिकारी रजिस्टर्ड होते हैं। रेलमंत्री ने श्री त्रिवेदी को रेल सहयोग में रजिस्टर्ड होने की अपील की और एक गेस्ट फैकेल्टी के रूप में रेलवे के ट्रेनिंग सेंटरों में खासकर नायर एवं अन्य संस्थाओं में ट्रेनिंग देने के लिए सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कोविड के बावजूद भारतीय रेल ने रिकॉर्ड लोडिंग की। इस दौरान 1233 मिलियन टन की लोडिंग हुई, जो एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना।


इसके पूर्व ईस्ट सेंट्रल रेलवे आफिसर्स एसोसिएशन, मान्यता प्राप्त यूनियन, पांचों मंडल के मंडल रेल प्रबंधक व रेलकर्मियों ने महाप्रबंधक को भावभीनी विदाई दी। रेलवे सुरक्षा बल द्वारा महाप्रबंधक की विदाई पर उनके सम्मान में सलामी परेड दी गयी।
विदित हो कि श्री त्रिवेदी ने 06 मार्च 2018 को पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण किया था। तब से अब तक महाप्रबंधक के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में पूर्व मध्य रेल द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित किया जा सका। इनके कार्यकाल में पूर्व मध्य रेल ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की, कार्य संस्कृति में काफी सुधार आया तथा साथ ही कार्यालय में समय-पालन, अनुशासन एवं कर्त्तव्यों तथा लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ी।

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