December 17, 2025

बिहार सरकार ने हटाए गए सर्वेक्षण कर्मियों को दिया अंतिम मौका, आदेश के खिलाफ दे सकेंगे आवेदन, होगी वापसी

पटना। बिहार सरकार द्वारा संविदा सर्वेक्षण कर्मियों को अंतिम मौका दिए जाने की खबर ने कई बर्खास्त कर्मियों को राहत पहुंचाई है। यह फैसला भूमि एवं राजस्व सुधार विभाग के भू‑अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा लिया गया है। विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि जिन कर्मियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं, वे अब अपने खिलाफ जारी आदेश पर अपील कर सकते हैं। यह अवसर उन सभी कर्मियों को दिया जा रहा है जो किसी कारणवश हड़ताल या अन्य विवादों के चलते अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे थे।
बिहार सरकार का निर्णय
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि बर्खास्त किए गए संविदाकर्मियों को अब काम पर वापस लौटने का अवसर दिया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत वे अपने खिलाफ जारी आदेश पर आपत्ति और अपील दर्ज कर सकते हैं। अब तक विभाग को सौ से अधिक अपील अभ्यावेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिन्हें जांच और प्रक्रिया के आधार पर निपटाया जाएगा।
अपील दर्ज करने की प्रक्रिया
सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे कर्मियों को अपील दर्ज कराने के लिए दो विकल्प उपलब्ध हैं। पहला विकल्प यह है कि वे कार्यालय समय में विभाग के मुख्यालय में उपस्थित होकर लिखित आवेदन जमा कर सकते हैं। दूसरा तरीका यह है कि वे अपनी ईमेल आईडी से विभाग की तय ईमेल आईडी पर अपील भेज सकते हैं। विभाग ने इसके लिए आधिकारिक ईमेल आईडी भी जारी की है जहां अपील ऑनलाइन भेजी जा सकती है।
किन कर्मियों को मिलेगा लाभ
विशेष सर्वेक्षण कार्यों में लगे अनेक प्रकार के संविदा कर्मचारी इस प्रक्रिया का हिस्सा रहे हैं। इनमें विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, और विशेष सर्वेक्षण लिपिक वर्ग शामिल हैं। यह वही वर्ग है जिसे हड़ताल और कामकाज रुकने की स्थिति में बर्खास्त कर दिया गया था। अब जब सरकार ने अपील का अवसर दिया है, तो इन सभी पदों पर कार्यरत कर्मियों को बड़ी राहत मिली है।
अपील का महत्व
अपील का प्रावधान उन संविदा कर्मियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जिनकी सेवाएं अचानक समाप्त कर दी गई थीं। बहुत से कर्मियों ने बताया था कि उन्हें अपनी बात रखने का अवसर ही नहीं दिया गया था और बर्खास्तगी सीधी तौर पर थोप दी गई थी। अब इस अपील प्रक्रिया के माध्यम से ऐसे कर्मचारी अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकेंगे और विभाग को यह बता पाएंगे कि किन परिस्थितियों में वे हड़ताल पर गए थे या उनका नाम बर्खास्त सूची में कैसे शामिल किया गया।
सरकार की मंशा और उद्देश्य
राज्य सरकार विशेष रूप से इस समय राजस्व महाअभियान को सफल बनाने में जुटी हुई है। इस अभियान के तहत भू-अभिलेख और जमीन से जुड़े कार्यों की गति तेज करने की योजना है। हड़ताल के कारण कामकाज प्रभावित हो गया था, जिससे अभियान धीमा पड़ने का खतरा था। इसीलिए सरकार ने यह कदम उठाया कि अधिक से अधिक कर्मियों को वापस सेवा में शामिल किया जा सके ताकि जमीन और राजस्व से जुड़े काम जल्द गति पकड़ सकें।
श्रमिकों में खुशी की लहर
जबसे यह सूचना सार्वजनिक हुई है, संविदा कर्मियों में नई ऊर्जा और उत्साह दिखने लगा है। जिन लोगों को बर्खास्त कर दिया गया था, वे लंबे समय से निराश चल रहे थे। बहुतों को तो दूसरी नौकरी भी नहीं मिल पा रही थी। अब जब सरकार ने स्वयं अपील प्रक्रिया शुरू की है, तो कर्मियों का मानना है कि उन्हें न्याय मिलेगा और वे अपना रोजगार फिर से पा सकेंगे।
त्वरित निष्पादन का आश्वासन
विभाग ने यह भी भरोसा दिलाया है कि प्राप्त सभी अपीलों का त्वरित निपटारा किया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि आवेदन करने वालों को लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अपीलों की जांच तुरंत की जाएगी और यदि वह उचित ठहराई जाती है, तो संबंधित कर्मचारी को फिर से काम पर बहाल कर दिया जाएगा। बिहार सरकार का यह कदम न केवल संविदा कर्मियों के लिए राहत का संदेश लेकर आया है, बल्कि यह प्रशासन की सकारात्मक सोच को भी दर्शाता है। अपील की प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ेगी और उन कर्मियों को न्याय मिलेगा जिन्हें बिना पर्याप्त अवसर दिए सेवा से हटा दिया गया था। यह फैसला राजस्व महाअभियान की सफलता सुनिश्चित करने के साथ-साथ कर्मियों की आजीविका और सम्मान दोनों की रक्षा करेगा। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि बड़ी संख्या में बर्खास्त कर्मी वापस काम पर लौटेंगे और प्रदेश में भूमि सुधार और सर्वेक्षण के काम को नई गति मिलेगी।

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