चुनाव का ऐलान के साथ लालू की हुंकार, कहा- छह और ग्यारह को एनडीए होगी नौ-दो-ग्यारह
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल आखिरकार बज चुका है। चुनाव आयोग ने सोमवार को राज्य की बहुप्रतीक्षित चुनावी तारीखों की घोषणा कर दी, जिसके साथ ही सियासी माहौल गरमा गया है। बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे—पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा। नतीजों की घोषणा 14 नवंबर को की जाएगी और 16 नवंबर तक संपूर्ण चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। चुनावी कार्यक्रम के ऐलान के साथ ही राज्य की सियासत में बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने एक-दूसरे पर हमले शुरू कर दिए हैं। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने चिर-परिचित अंदाज में एनडीए पर तंज कसते हुए एक ट्वीट किया—“छह और ग्यारह को एनडीए होगी नौ-दो-ग्यारह।” इस ट्वीट ने चुनावी हलकों में हलचल मचा दी है और सोशल मीडिया पर यह वाक्य तेजी से वायरल हो गया है।
लालू का व्यंग्य और आत्मविश्वास भरा अंदाज
लालू यादव ने अपने ट्वीट में न केवल तारीखों को जोड़ा बल्कि एक शब्द-खेल के ज़रिए एनडीए पर कटाक्ष भी किया। “छह और ग्यारह को एनडीए होगी नौ-दो-ग्यारह” का अर्थ स्पष्ट है—चुनाव के दोनों चरणों के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए सत्ता से बाहर हो जाएगा। लालू ने दावा किया कि इस बार बिहार की जनता परिवर्तन के मूड में है और एनडीए सरकार की विदाई तय है। राजद प्रमुख ने अपने संदेश में लिखा कि जनता अब 20 वर्षों से चली आ रही “झूठ और छल की राजनीति” से तंग आ चुकी है। उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार ने बिहार को केवल बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और पलायन की सौगात दी है। लालू यादव के मुताबिक, अब बिहार की जनता बदलाव चाहती है और यह बदलाव 6 और 11 नवंबर की वोटिंग में साफ नजर आएगा।
तेजस्वी यादव का भी जुबानी हमला जारी
राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी लगातार एनडीए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। उन्होंने कहा कि “बिहार की जनता अब हिसाब मांग रही है। 20 साल के शासन में न शिक्षा सुधरी, न स्वास्थ्य, न रोजगार मिला। अब वक्त है जनता के जनादेश का।” तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन पूरी ताकत के साथ मैदान में है और इस बार जनता की सरकार बनेगी।
लालू-तेजस्वी की जोड़ी सक्रिय मोड में
चुनाव की घोषणा के साथ ही लालू यादव और तेजस्वी यादव दोनों ने चुनावी तैयारियों को और तेज कर दिया है। राजद की ओर से सोशल मीडिया और ग्राउंड कैंपेन दोनों मोर्चों पर रणनीति बनाई जा रही है। लालू यादव लगातार सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और अपने व्यंग्यात्मक, चुटीले अंदाज में विरोधियों पर निशाना साध रहे हैं। राजद के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने विधानसभा स्तर पर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। लालू यादव इस बार “नीतीश हटाओ, बिहार बचाओ” के नारे के साथ जनता के बीच उतरने वाले हैं।
एनडीए की तैयारी और पलटवार की रणनीति
लालू यादव के ट्वीट के बाद एनडीए खेमे ने भी पलटवार किया है। जदयू के वरिष्ठ नेता ने कहा कि “लालू यादव अब भी पुराने जमाने की राजनीति कर रहे हैं। जनता ने पहले भी उनके भ्रष्ट शासन को नकारा था और इस बार भी बिहार विकास की राह से पीछे नहीं हटेगा।”
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि “एनडीए सरकार ने बिहार को सड़क, बिजली, कानून-व्यवस्था और निवेश में नई दिशा दी है। जनता लालू की बातों में नहीं आने वाली।”
चुनाव की तारीखों के साथ बढ़ा सियासी रोमांच
बिहार विधानसभा चुनाव इस बार दो चरणों में होंगे। पहले चरण में 6 नवंबर को कुल 121 सीटों पर मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों पर वोटिंग होगी। मतगणना 14 नवंबर को होगी और 16 नवंबर तक नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार का चुनाव कई मायनों में रोचक होने वाला है। एक ओर जहां एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में सत्ता बचाने की कोशिश में है, वहीं राजद के नेतृत्व में महागठबंधन सत्ता वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है। इसके अलावा जन सुराज पार्टी, विकासशील इंसान पार्टी, हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) और लोजपा (रामविलास) जैसी छोटी पार्टियाँ भी समीकरणों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं।
तेजप्रताप यादव और जन सुराज की चुनौती
इस बार का चुनाव केवल एनडीए बनाम महागठबंधन तक सीमित नहीं है। जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर मैदान में हैं और जनता से सीधे संवाद अभियान चला रहे हैं। वहीं, तेजप्रताप यादव भी अपनी अलग राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश में हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह चुनाव पारंपरिक ध्रुवीकरण से अलग हटकर कई छोटे लेकिन प्रभावी फैक्टरों पर निर्भर करेगा।
लालू के बयान से एनडीए खेमे में हलचल
लालू यादव का ट्वीट—“छह और ग्यारह को एनडीए होगी नौ-दो-ग्यारह”—ने एनडीए खेमे में बेचैनी बढ़ा दी है। यह केवल व्यंग्य नहीं, बल्कि उनके आत्मविश्वास का भी प्रतीक माना जा रहा है। राजद के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि लालू का यह बयान जनता के मन की भावना को दर्शाता है और आने वाले दिनों में यह नारा पार्टी का चुनावी प्रतीक बन सकता है।
राजनीतिक तापमान बढ़ने के आसार
चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद बिहार की राजनीति अब पूरी तरह चुनावी मोड में प्रवेश कर चुकी है। सभी दलों ने प्रचार अभियान तेज कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर नारे, पोस्टर और वीडियो की बाढ़ आ गई है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि लालू यादव की “हुंकार” कितनी दूर तक असर दिखा पाती है, और क्या वाकई 6 और 11 नवंबर के बाद एनडीए “नौ-दो-ग्यारह” हो जाएगी या नहीं—यह फैसला बिहार की जनता अपने वोट से करेगी।


