लालू यादव ने नहीं दिया तवज्जो,तब नीतीश के समक्ष घुटने टेक दिए जीतन राम मांझी ने,मगर मिलेगा क्या…..
पटना।हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने तो अपनी तरफ से साफ जाहिर कर दिया है कि अब वे महागठबंधन के हिस्सा नहीं है। बल्कि बिहार में एनडीए के साथ हैं।इस बार जीतनराम मांझी भाजपा के साथ कम जदयू के साथ ज्यादा नजर आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद जीतन राम मांझी ने हिंदुस्तान आवाम मोर्चा ‘हम’ पार्टी का गठन करके बिहार में सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बड़ा फ़्रंट खोला था।उस समय शुरू पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री वृषिन पटेल,पूर्व सांसद डॉ जगदीश शर्मा,पूर्व मंत्री शाहिद अली खान, पूर्व मंत्री अनिल कुमार तथा अजीत कुमार समेत कई मजबूत माने जाने वाले नेता हम पार्टी में शामिल थे।पार्टी की संरचना को देखकर राजनीतिक तौर पर हम को मजबूत पार्टी माना जा रहा था।मगर कालांतर में धीरे-धीरे पार्टी कमजोर होते गई। नतीजतन आज पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जब महागठबंधन में राजद सुप्रीमो लालू यादव के तरफ से कोई तवज्जो नहीं दिया गया।तब वे आखिरकार में पुनः नीतीश कुमार के साथ जाने को मजबूर हो गए।दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी की स्थापना सीएम नीतीश के खिलाफ ही की थी।2014 में लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने के कारण सीएम नीतीश कुमार ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देकर अपने कैबिनेट के मंत्री जीतन राम मांझी पर बड़ा भरोसा जताते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया।सात आठ महीनों में जीतन राम मांझी के निर्णय नीतीश कुमार को सुहाने नहीं लगे।नतीजतन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को सीएम पद से हटाकर पुनः उस पर स्वयं आसीन हो गए।अब वर्तमान राजनीतिक हालातों के मद्देनजर जीतन राम मांझी ने पुनः सीएम नीतीश कुमार के तरफ अपना रुख तो मोड़ लिया है।मगर जदयू के तरफ से अब उन्हें ‘क्या मिलेगा क्या ना मिलेगा’ यह कहना भी मुश्किल है।दरअसल बिहार में राजद-कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम को इस विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कुछ खास तवज्जो नहीं दिया।जिसके चलते जीतनराम मांझी बिहार में एनडीए के तरफ बढ़ चले।मगर एनडीए में लोजपा के मजबूत हिस्सेदारी की मांग के कारण हम को कुछ खास मिलने की उम्मीद प्रतीत नहीं होती।


