December 31, 2025

चुनाव के बीच लालू यादव ने नाती-पोतों के साथ मनाया हेलोवीन, रोहिणी ने शेयर की तस्वीरें

पटना। बिहार में इस समय चुनावी माहौल चरम पर है। राजनीतिक दल अपने-अपने स्टार प्रचारकों के साथ लोगों तक अपनी बात पहुँचाने में लगे हैं। रैलियां, सभाएं और रणनीति हर ओर नजर आ रही है। लेकिन इसी बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने परिवार के साथ कुछ वक्त निकालते हुए नजर आए। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें और वीडियो साझा किए, जिनमें लालू यादव अपने नाती-पोतों के साथ हेलोवीन का त्योहार मनाते नजर आ रहे हैं। इन तस्वीरों और वीडियो ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है।
लालू परिवार में बच्चों की मस्ती
इन वीडियो में देखा जा सकता है कि लालू यादव के सभी नाती-पोते और पोता-पोती हेलोवीन के विशेष रूप में तैयार किए गए हैं। किसी ने डरावने मास्क पहने हैं तो कोई भूतिया मेकअप में है। बच्चे लालू यादव को डराने की कोशिश कर रहे हैं, और लालू यादव भी हँसते हुए बच्चों का मजाकिया अंदाज में जवाब दे रहे हैं। तेजस्वी यादव की बड़ी बेटी कात्यायनी भी इस पार्टी में मौजूद रही और उनके छोटे बेटे इराज को रोहिणी आचार्य अपनी गोद में खिलाती दिख रही हैं। लालू यादव इराज को चॉकलेट खिलाने की कोशिश करते और उसे दुलारते नजर आए। इन दृश्यों से परिवार में स्नेह और अपनापन झलक रहा था। यह पल खास इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव को संघर्ष, जुझारूपन और जनता के नेता के रूप में पहचाना जाता है, पर दूसरी ओर पारिवारिक जीवन में वे अपने बच्चों और नाती-पोतों के साथ बेहद सरल और भावनात्मक रूप से जुड़े हुए दिखते हैं। इन तस्वीरों ने लोगों को उनके व्यक्तित्व का यह सहज और प्यारा पक्ष भी देखने का अवसर दिया।
हेलोवीन की परंपरा और उसका प्रसार
हेलोवीन मूलतः एक पश्चिमी त्यौहार है, जिसकी जड़ें ईसाई और उससे पूर्व की प्राचीन मान्यताओं में पाई जाती हैं। माना जाता है कि यह आयरलैंड और प्राचीन ब्रिटेन के सेल्टिक समुदाय के त्योहार समहेन से उत्पन्न हुआ। उनके कैलेंडर के अनुसार यह रात पुराने वर्ष के अंत और नए वर्ष की शुरुआत का प्रतीक होती थी। यह विश्वास भी प्रचलित था कि इस रात जीवित और मृत आत्माओं के बीच की दूरी कम हो जाती है, जिससे मृत आत्माएं वापस धरती पर लौट सकती हैं। इसी कारण लोग अलाव जलाते थे और डरावने रूप में अपने को ढालते थे ताकि बुरी शक्तियों और आत्माओं से स्वयं की रक्षा कर सकें। धीरे-धीरे यह उत्सव अनेक देशों में फैला और मनोरंजन का एक बड़ा पर्व बन गया। आज के समय में हेलोवीन केवल धार्मिक या आध्यात्मिक उत्सव नहीं, बल्कि परिवार और दोस्तों के साथ एक मनोरंजक कार्यक्रम के रूप में देखा जाता है। इसमें बच्चे विशेष उत्साह के साथ भाग लेते हैं, जहाँ वे अलग-अलग किरदारों की वेशभूषा पहनकर अपने पड़ोसियों से मिठाइयाँ मांगते हैं।
भारतीय समाज में हेलोवीन की स्वीकार्यता
भारत में यह त्योहार किसी धार्मिक आधार पर नहीं, बल्कि आधुनिकता और वैश्विक सांस्कृतिक आदान-प्रदान का हिस्सा बनकर तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। खासकर महानगरों और पढ़े-लिखे परिवारों में इसे मनोरंजन और बच्चों की खुशी के नजरिए से मनाया जाता है। सोशल मीडिया के विस्तार ने इसे और भी अधिक चर्चा में ला दिया है। ऐसे में लालू परिवार का यह जश्न भी आधुनिकता और पारिवारिक खुशी का मिश्रण कहा जा सकता है। चुनावी गतिविधियों के बीच परिवार के साथ समय बिताना आसान नहीं होता, विशेषकर राजनीतिक व्यक्तित्वों के लिए। लेकिन लालू यादव द्वारा नाती-पोतों के साथ बिताया गया यह समय उनके व्यक्तित्व के भावनात्मक और सरल पहलू को उजागर करता है। साथ ही हेलोवीन जैसे त्योहारों का भारतीय परिवारों में बढ़ता प्रभाव भी यह दर्शाता है कि संस्कृति समय के साथ बदलती और नए रूपों को अपनाती रहती है। यह दृश्य लोगों के सामने एक ऐसे परिवार की तस्वीर रखता है जहां राजनीतिक व्यस्तताओं के बावजूद पारिवारिक खुशियों के लिए जगह हमेशा बनाई जाती है।

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