October 28, 2025

लालू यादव का बीजेपी पर हमला, कहा- छठ पर कर रहे राजनीति, ये लोग झूठ के बेताज बादशाह

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल बन चुका है। सभी राजनीतिक दल जनता को साधने में जुटे हुए हैं। इसी बीच बिहार में आस्था और सनातन परंपरा का सबसे बड़ा पर्व छठ भी शुरू हो गया है। जहां एक ओर श्रद्धालु पूरी भक्ति और भावनाओं से छठी मईया की उपासना में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर इस महापर्व पर सियासत भी गर्म होने लगी है। छठ के अवसर पर रेल यात्रियों की भीड़ और स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है।
छठ और चुनावी माहौल
बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है। चुनावी दौरे तेज हैं और नामांकन की प्रक्रिया भी तेज़ी से पूरी हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित कई राष्ट्रीय नेता बिहार में रैलियाँ और सभाएँ कर रहे हैं। इसी बीच लालू यादव भी लगातार राजनीतिक मुद्दों पर मुखर दिखाई दे रहे हैं।
लालू यादव का सोशल मीडिया पर हमला
छठ पूजा के पहले दिन लालू यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी कर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके नेता त्योहार की आड़ में झूठा प्रचार कर रहे हैं। लालू यादव ने लिखा कि केंद्र सरकार ने दावा किया था कि छठ के अवसर पर देश की 13,198 ट्रेनों में से 12,000 ट्रेनें विशेष रूप से बिहारियों की सुविधा के लिए चलाई जाएंगी, लेकिन यह दावा पूरी तरह गलत और भ्रामक निकला। लालू यादव का कहना है कि बिहार के प्रवासी लोग, जो रोजगार और काम की तलाश में दूसरे राज्यों में रहते हैं, त्योहारों पर जब घर लौटते हैं तो उन्हें अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में भीड़ अनियंत्रित हो जाती है और लोग असुविधा में यात्रा करते हैं। उन्होंने इसे बिहारियों के प्रति उपेक्षा बताया।
पलायन का मुद्दा फिर चर्चा में
लालू यादव ने अपने बयान में पलायन के मुद्दे को भी उठाया। उनका कहना है कि पिछले 20 वर्षों की एनडीए सरकारों ने बिहार में विकास के नाम पर केवल वादे किए हैं। उन्होंने कहा कि करीब 4 करोड़ से अधिक बिहारियों को आज भी रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है। अगर बिहार में रोजगार और उद्योग होते, तो छठ और अन्य त्योहारों पर उन्हें इतनी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता। लालू यादव ने आरोप लगाया कि एनडीए और बीजेपी की सरकारें बिहार में कोई बड़ा उद्योग नहीं लेकर आईं, जिसके कारण रोजगार के अवसर नहीं बढ़ पाए और प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ती रही। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय कुछ उद्योग स्थापित हुए थे, लेकिन उसके बाद हालात और बदतर होते चले गए।
रेलवे की घोषणा और विपक्ष का आरोप
रेलवे की ओर से यह घोषणा की गई थी कि दशहरा, दीपावली और छठ के अवसर पर 12 हजार से अधिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा, ताकि लोग आसानी से अपने घर लौट सकें। लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह संख्या सिर्फ कागजों में दिखाई गई है और व्यवहार में यात्रियों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिली। लालू यादव ने कहा कि कई ट्रेनों में भारी भीड़ और अव्यवस्था देखी गई।
छठ जैसे पर्व पर राजनीति
छठ महापर्व को बिहार की आस्था, संस्कृति और लोक-परंपरा का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व जाति, धर्म, वर्ग और राजनीतिक रेखाओं से ऊपर उठकर मनाया जाता है। लेकिन इस बार यह पर्व राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का विषय बन गया है। लालू यादव के बयान से यह साफ हो गया कि आने वाले चुनाव में छठ और प्रवासियों का मुद्दा भी राजनीतिक बहस का हिस्सा बनेगा। छठ महापर्व हमेशा से भावनाओं और एकजुटता का पर्व रहा है। लेकिन इस बार आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सवाल इस आस्था के बीच अपना स्थान बना रहे हैं। जहां लालू यादव रेलवे और बीजेपी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार अपने द्वारा की गई व्यवस्थाओं और सुधारों को सामने रखकर जनता को साधने का प्रयास कर रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता इन मुद्दों को चुनाव में कितना महत्व देती है और छठ के इस माहौल में किस ओर राजनीतिक हवा बहती है।

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