लालू ने राजद की बुलाई इमरजेंसी बैठक, राबड़ी आवास में जुटेंगे नेता, सीट शेयरिंग का फॉर्मूला होगा फाइनल
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमा गया है। जैसे-जैसे नामांकन की प्रक्रिया नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक हलचलें तेज होती जा रही हैं। इसी क्रम में शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पार्टी की एक अहम इमरजेंसी बैठक बुलाई है। बैठक दोपहर 12 बजे राबड़ी आवास पर होगी, जिसमें महागठबंधन के सहयोगी दलों के नेताओं के साथ-साथ राजद के तमाम वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे।
सीट बंटवारे पर होगा अंतिम फैसला
इस बैठक का मुख्य एजेंडा सीट शेयरिंग यानी सीट बंटवारे को लेकर फॉर्मूला तय करना है। लंबे समय से महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही चर्चाओं पर आज विराम लग सकता है। बताया जा रहा है कि बैठक में राजद प्रमुख लालू यादव अंतिम मुहर लगाएंगे। महागठबंधन में सीटों का बंटवारा लगभग तय हो चुका है और आज इसका आधिकारिक ऐलान भी संभव है। सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव दो विधानसभा सीटों—राघोपुर और फुलपरास—से चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी रणनीतिक रूप से तेजस्वी को दो क्षेत्रों से उतारकर चुनाव में अधिकतम प्रभाव हासिल करना चाहती है।
सूरजभान सिंह और परिवार का राजद में शामिल होना
बैठक से पहले ही पार्टी को एक बड़ा राजनीतिक सहारा मिलने जा रहा है। बिहार के बाहुबली नेता सूरजभान सिंह शनिवार को अपनी पत्नी वीणा देवी और भाई के साथ राजद में शामिल होंगे। दिलचस्प बात यह है कि एक हफ्ते में यह तीसरे भूमिहार नेता होंगे जो राजद में शामिल हो रहे हैं। तेजस्वी यादव स्वयं इन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को मोकामा विधानसभा सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। यह वही सीट है जहां से अनंत सिंह का दबदबा रहा है, और अब पार्टी इस क्षेत्र में नई रणनीति के तहत सूरजभान परिवार की पकड़ का उपयोग करना चाहती है।
लालू यादव के नेतृत्व में रणनीतिक फैसले
राबड़ी आवास पर आयोजित इस बैठक में लालू यादव के साथ-साथ तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, भाई वीरेंद्र सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। शुक्रवार को हुई संसदीय दल की बैठक में पहले ही उम्मीदवारों के नाम पर प्रारंभिक चर्चा की जा चुकी है। भाई वीरेंद्र ने कहा कि “हम लोगों ने राजद सुप्रीमो लालू यादव को उम्मीदवार चयन का पूरा अधिकार दे दिया है। जो भी निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे, हम सब उसका सम्मान करेंगे। यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि अब टिकट बंटवारे से लेकर चुनावी रणनीति तक, सभी फैसले लालू यादव के नेतृत्व में ही होंगे।
महागठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महागठबंधन में सीटों का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है। राजद करीब 125 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस को 50 से 55 सीटें मिलने की संभावना है। वामदलों को 25 सीटें दी जा सकती हैं। बचे हुए 38 सीटों को छोटे सहयोगी दलों जैसे पाशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी), मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच बांटने की योजना है।
पारस गुट और राजद का समीकरण
पशुपति पारस की पार्टी आरएलजेपी में भी शनिवार को एक अहम बैठक होने वाली है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि पारस गुट राजद में विलय करने पर विचार कर रहा है। अगर विलय नहीं भी होता है, तो भी सूरजभान सिंह का सीधे राजद में शामिल होना इस बात का संकेत है कि आरएलजेपी का एक बड़ा हिस्सा अब लालू यादव के साथ जाने की तैयारी में है। यह कदम न केवल राजद के लिए संगठनात्मक मजबूती लाएगा, बल्कि एनडीए के वोट बैंक पर भी असर डाल सकता है।
रणनीति के केंद्र में मोकामा सीट
राजद की नजर इस बार मोकामा विधानसभा सीट पर खासतौर से टिकी है। सूरजभान सिंह और उनके परिवार की इस क्षेत्र में पुरानी राजनीतिक पकड़ है। पार्टी चाहती है कि इस क्षेत्र में बाहुबली छवि को संतुलित करते हुए विकास और सामाजिक समीकरणों के आधार पर जनता को साधा जाए। वीणा देवी की उम्मीदवारी इसी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। राजद की आज की इमरजेंसी बैठक बिहार की राजनीति के लिए बेहद अहम साबित हो सकती है। इस बैठक में न केवल सीट बंटवारे का अंतिम रूप तय होगा, बल्कि महागठबंधन के भीतर नए समीकरण भी सामने आएंगे। लालू यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी की त्रिमुखी रणनीति यह संकेत दे रही है कि पार्टी इस बार चुनाव में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतना चाहती। सूरजभान सिंह और पारस गुट की संभावित एंट्री से राजद को सामाजिक संतुलन के साथ-साथ जातीय समीकरणों में भी मजबूती मिलेगी। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि राबड़ी आवास पर आज की बैठक न केवल राजद के भविष्य का रोडमैप तय करेगी, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव की दिशा और दशा दोनों को प्रभावित कर सकती है।


