September 6, 2025

लालू का पीएम पर हमला, कहा- विक्ट्री बिहार से और फैक्ट्री गुजरात में, मोदीजी यह नहीं चलेगा

पटना। जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है। आरोप-प्रत्यारोप और व्यक्तिगत हमलों के बीच सियासी माहौल और भी गर्माता दिख रहा है। शुक्रवार को राजद सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया। वहीं, प्रधानमंत्री ने भी राजद और कांग्रेस के मंच से उनकी मां को लेकर की गई टिप्पणी पर भावनात्मक प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष को आड़े हाथों लिया।
लालू का मोदी पर वार: “विक्ट्री बिहार से, फैक्ट्री गुजरात में”
लालू यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “ऐ मोदी जी, विक्ट्री चाहिए बिहार से और फैक्ट्री दीजिएगा गुजरात में? ये गुजराती फार्मूला बिहार में नहीं चलेगा।” लालू ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा बिहार में सत्ता पाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है, लेकिन राज्य की जनता अब गुमराह होने वाली नहीं है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर महिलाओं, छात्राओं और पत्रकारों के साथ बदसलूकी का भी आरोप लगाया और पूछा कि क्या प्रधानमंत्री ने खुद इस तरह के व्यवहार की अनुमति दी है। राजद प्रमुख ने चेतावनी दी कि गुजरात के नेता बिहारियों को हल्के में न लें। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अपने सम्मान और अधिकारों की रक्षा करना अच्छी तरह जानती है।
पीएम मोदी का भावनात्मक जवाब: “मेरी मां का क्या अपराध था?”
राजद और कांग्रेस के मंच से उनकी मां के लिए अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा रुख दिखाया। 2 सितंबर को दिए अपने भाषण में मोदी ने कहा, *“बिहार में कुछ दिनों पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। यह सिर्फ मेरी मां का नहीं, बल्कि देश की सभी मां-बहन-बेटियों का अपमान है। जिस मां ने मुझे देशसेवा का आशीर्वाद दिया, उसी मां को गाली दी गई। उस मां का अपराध क्या था? प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भावुक होते हुए कहा कि उनकी मां ने गरीबी में संघर्ष करके उन्हें जीवन और संस्कार दिए। “गरीब मां की तपस्या और उसके बेटे की मेहनत शाही खानदानों के युवराज कभी नहीं समझ सकते,” उन्होंने तंज कसा।
लालू राज की याद दिलाई
पीएम मोदी ने इस मौके पर राजद शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा कि उस दौर में बिहार अपराध और अराजकता का पर्याय बन गया था। हत्या, बलात्कार और फिरौती आम बात थी और अपराधियों को सरकार से संरक्षण मिलता था। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय सबसे ज्यादा पीड़ा बिहार की महिलाओं को सहनी पड़ी थी।
चुनावी सियासत में भावनाओं का तड़का
लालू और मोदी के बीच जुबानी जंग ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। लालू जहां मोदी सरकार पर गुजरात मॉडल थोपने और बिहार की उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री अपनी मां पर हुई टिप्पणी को मुद्दा बनाकर विपक्ष को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। दोनों नेताओं के बयान चुनावी माहौल को सीधा भावनाओं से जोड़ रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बहस अब केवल विकास या नीतियों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि व्यक्तिगत और भावनात्मक मुद्दों ने इसे और भी संवेदनशील बना दिया है। मां पर की गई टिप्पणी और उस पर पीएम का जवाब निश्चित ही जनता की भावनाओं को प्रभावित करेगा। वहीं, लालू यादव का “गुजरात बनाम बिहार” वाला सवाल भी क्षेत्रीय अस्मिता को हवा दे रहा है। बिहार चुनावी जंग अब केवल वोट और सीटों तक की लड़ाई नहीं रह गई है। यह भावनाओं, पारिवारिक अपमान और क्षेत्रीय अस्मिता की राजनीति से भी गहराई से जुड़ गई है। सवाल यह है कि बिहार की जनता किस पर भरोसा करेगी—लालू यादव की आक्रामक रणनीति और क्षेत्रीय अस्मिता की राजनीति पर या प्रधानमंत्री मोदी की भावनात्मक अपील और सुशासन के वादों पर। चुनाव नजदीक हैं और आने वाले दिनों में यह सियासी संग्राम और भी तेज होने वाला है।

You may have missed