बंदोबस्त के जमीन पर जबरन बालू घाट का रास्ता बनाने का लगाया आदित्य मल्टी कॉम कंपनी के संचालक पर आरोप

तिलौथू(रोहतास)थाना क्षेत्र के ग्राम कटार में रविवार  को गुटों में बालू घाट को लेकर नोंक-झोंक हुई। यह पूरा विवाद बालू घाट के रास्ते को लेकर हुआ। जानकारी के मुताबिक सुरेंद्र यादव ने चल रहे बालू घाट के रास्ते को बताया अपना बंद बस्ती का जमीन घंटों रहा बालू घाट का संचालन ठप गैरमजरुआ जमीन बंदोबस्त का पर्चा दिखाकर बालू घाट जाने वाली सड़क मार्ग को अवरूध कर रोक दिया। मौके पर बंदोबस्त धारक स्व फुलझारो देवी के पुत्र सुरेंद्र सिंह यादव को ने अपने बन्दोबस्त जमीन जो कि एक हिस्सा रोड में पड़ गया है।

उसी रोड पर से बालू घाट का गाड़ियों की संचालन होता है। बन्दोबस्त धारी का कहना है कि हम बहुत दिनों से इस जमीन पर खेती करते थे। ट्रक के आने जाने से जमीन खराब हो रही है। जिसे हम मजबूर होकर अपना बन्दोबस्त पर्चा वाली जमीन पर बेरीयर लगा कर रोक दिया है। जमीन मालिक ने कहा कि यह आम लोगों के लिए रास्ता है ना कि बालू निकालकर मेरा खेती का जमीन खराब करने के लिए उक्त जमीन की जुताई का प्रयास करने एवं दूसरे पक्ष द्वारा ऐसा करने से हंगामा कर रोकने के दौरान दोनों पक्ष के बीच हाथापाई की नौबत भी हुई। जिससे उत्पन्न तनाव देखते हुए एक पक्ष के लोगों ने थानाध्यक्ष व अंचलाधिकारी को तिन दिन पहले आवेदन देकर जांच करने की मांग करते हुए कोई भी नया कार्य करने पर रोक लगाने की मांग की। आवेदन में कहा गया हैं कि जमीन पर बालू के ठिकेदार बिना कागजात के जबरन कब्जा जमाकर रखे हैं। जो जमीन समाजिक कार्य में उपयोग किया जाता हैं।

पूर्व में जमीन की अंचलाधिकारियों द्वारा जांच भी की जा चुकी हैं। अंचल कार्यालय में बंदोबस्त किए जाने का स्थल पर रसीद दिखलाया गया बाकी पर्चा सहित कागजात नहीं दिखाया गया । फिर भी रविवार की सुबह अपने परिजनों के साथ जबरन रोड पर कब्जा करने लगे। जिससे बालू के ठिकेदारो ने रोका और विरोध में अंचल कार्यालय ,थाना पहुंचकर न्याय की गुहार लगाते हुए जमीन को अवैध कब्जा से मुक्त करने के साथ कागजात देखने की मांग किया। ताकि तनाव नही हो।वहीं आदित्य मल्टी ग्रुप के संचालक हीरा सिंह का कहना है कि यह घाट 1988 से चला आ रहा है इसलिए यह सार्वजनिक रास्ता है किसी का जमीन होता तो पहले क्यों नहीं दावा किया ।मौके पर पहुंचे अंचलाधिकारी गुलाम साहिद व  थानाध्यक्ष अरविंद कुमार गौतम ने कहा कि जमीन के कागजात को देखने की बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकती हैं। आवेदन देने वालों में सुरेन्द्र सिंह समेत लगभग दर्जनों लोग शामिल है इनसे जमीन के वन टू थ्री कागज मांगी गई है उसके बाद चने की नाभि पर करवाई की गई

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