कोरोना महामारी के दौरान ड्यूटी से नदारद डॉक्टरों की सूची जारी,स्वास्थ्य विभाग ने दिया तीन दिन का अल्टीमेटम

पटना। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरों के मद्देनजर लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के दौरान बिहार सरकार ने ड्यूटी पर से गायब डॉक्टरों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है।बिहार सरकार के डॉक्टरों के अनुपस्थित रहने को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने 28 डॉक्टरों की सूची जारी की गई है।जो बिना अनुमति के ड्यूटी से गायब हैं।सरकार की ओर से इन्हें तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी 28 डॉक्टरों के सूची में शामिल सभी डॉक्टरों को नोटिस दिया गया है।राज्य में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या एवं संदिग्धों के बढ़ते तादाद से राज्य सरकार काफी परेशान है।ऐसी स्थिति में राज्य के स्वास्थ्य महकमे को बड़े दबाव में काम करना पड़ रहा है।ऐसी प्रतिकूल परिस्थिति में जो डॉक्टर ड्यूटी से गायब होंगे,स्वास्थ्य विभाग उन्हें बख्शने के मूड में नहीं है।कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए नीतीश सरकार कई बड़े कदम उठाये जा रहे हैं। राज्य के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ की छुट्टियां 30 मई तक रद्द की गई हैं।इसके बावजूद भी कई डॉक्टर अपने काम में लापरवाही बरत रहे हैं।विभाग की ओर से 5 अप्रैल को एक पत्र जारी कर ड्यूटी से गायब रहने वालों डॉक्टरों को ड्यूटी पर आने की अपील की गई थी।इसके बावजूद भी 28 ऐसे डाक्टर्स और मेडिकल स्टाफ हैं, जो ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं।स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन सभी डॉक्टरों की सूची जारी की गई है।जिसमें मेडिकल टीचर, सीनियर रेजिडेंट, ट्यूटर शामिल हैं। सरकार ने ऐसे डॉक्टरों को 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है।बिना किसी सूचना के अनिधिकृत रूप से लगातार 15 दिनों तक गायब रहने वाले संविदा डॉक्टरों और टेन्योर पर कार्यरत सीनियर रेजिडेंट और ट्यूटर की संविदा और टेन्योर समाप्त मानी जाएगी।इसके अलावा अन्य उपस्थित डॉक्टरों के ऊपर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जाएगी।
