December 7, 2025

कोरोना की तीव्रता-सिर पर चुनाव,नेता- कार्यकर्ता-मतदाता सभी ‘संशय’ में,कैसे होगा चुनाव पर बहस….

पटना।कोरोना आपदा के काल में बिहार में कोरोना का प्रसार तेज हो गया है।एक तरफ तो प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीव्रता बढ़ गई है।वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में चुनावी रणभेरी भी बज उठी है।बिहार में विधानसभा के आम चुनाव आगामी अक्टूबर-नवंबर में होने संभावित हैं।ऐसे में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच चुनाव की संभावना को लेकर प्रदेश में एक नई बहस छिड़ गई है।इस नई बहस में बड़े राजनीतिक दल नेताओं के अलावा आम जनता भी शामिल हो गए हैं।दरअसल कोरोना संक्रमण के प्रसार के साथ-साथ राज्य में चुनाव की तैयारी भी समानांतर रूप में की जा रही है।जिसे लेकर राज्य की जनता के बीच भय तथा संशय का माहौल उत्पन्न होने लगा है।चुनाव आयोग तो फिलहाल प्रदेश में समय पर चुनाव कराने में आमादा है।मगर अब एक-एक कर विपक्षी दल तथा मुखर नागरिक संगठन भी राज्य में चुनाव को टालने की मांग करने लगे हैं।कल राज्य की प्रमुख विपक्षी दल राजद के तरफ से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीधा-सीधा कह दिया कि क्या लाशों के ढेर में मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं नीतीश कुमार।दरअसल आसन्न चुनाव को लेकर राज्य के नेता- कार्यकर्ता तथा मतदाता तीनों के अंदर संशय की स्थिति बनी हुई है।कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरों के बीच समय पर चुनाव कराना अब बेहद मुश्किल प्रतीत होने लगी है।प्रदेश में जानलेवा कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीजों का इजाफा हो रहा है।स्वास्थ्य विभाग की ओर से ताजा अपडेट जारी की गई है। इस अपडेट के मुताबिक बिहार में 749 लोग कोरोना पॉजिटव मिले हैं।इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 13274 हो गई है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार राज्य में अब तक कोरोना से 98 लोगों की मौत हुई है। जिनमें सर्वाधिक राजधानी पटना में 13 लोगों की मौत हुई है।दरभंगा में 7 और समस्तीपुर में 6 लोगों की मौत हुई है। भागलपुर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पूर्वी चंपारण, रोहतास और सारण जिले में 5-5 मरीजों की मौत हुई है।इसके आलावा बेगूसराय में 4 लोगों ने दम तोड़ा है। भोजपुर, गया, खगड़िया, जहानाबाद, नवादा, सीतामढ़ी और वैशाली में 3-3 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही किशनगंज, मधुबनी, पश्चिमी चंपारण और सीवान में 2-2 मरीजों की जान कोरोना से गई है।वहीं, अररिया,अरवल, औरंगाबाद, जमुई, कैमूर, कटिहार, मधेपुरा, मुंगेर और शिवहर में 1-1 मरीज की मौत हुई है। इस परिस्थिति में चुनाव की चर्चा होने से राज्य के नेता-मतदाता दोनों ही भय तथा संशय में जी रहे हैं।चुनाव लोकतंत्र का महापर्व होता है।अगर चुनाव आयोग समय पर चुनाव कराने पर अड़ा रहा तो निश्चित ही राज्य में चुनाव होगा।मगर कोरोना काल के खतरों को देखते हुए चुनाव में आने वाली मुश्किलें साफ-साफ प्रतीत हो रही है।ऐसे में बिहार में चुनाव टालने को लेकर हर स्तर पर बहस छिड़ गई है।

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