सरकारी विद्यालयों में शौचालय की बदतर स्थिति पर एक्शन में आए केके पाठक, सभी जिलों के डीएम को लिखा पत्र

पटना। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का एक्शन जारी है। स्कूलों का धुआंधार निरीक्षण के बाद सब स्कूलों की सुविधाएं सुधार की बारी है। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान अधिकांश प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में शौचालय की स्थिति खराब और बद से बदतर दिखी। ज्यादातर विद्यालय में टॉयलेट इस्तेमाल के लायक ही नहीं ही है, लेकिन अब इसकी तस्वीरें बदलने वाली है। प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालयों में शौचालयों की साफ-सफाई को लेकर जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने दिशा-निर्देश जारी कर जिलाधिकारियों को कहा है कि स्कूलों के निरीक्षण में यह बात सामने आई है कि वहां पर शौचालय बने हुए हैं। लेकिन, अधिकांश उपयोग के लायक नहीं है। निरीक्षण में देखा गया कि इसका मुख्य कारण साफ-सफाई का अभाव है। शौचालयों के साथ ही स्कूल परिसर की सफाई की बात उन्होंने अपने पत्र में कहा है। चिट्ठी में कहा गया है कि इसके लिए जिला और प्रखंड स्तर पर एजेंसी भी तय कर दी गई है। एसीएस केके पाठक ने अपने पत्र में जिलाधिकारी को स्पष्ट रुपए खर्च करने को लिखा है। खर्च के मद को विस्तृत जानकारी दी गई है।चिट्ठी में कहा गया है कि खनन सेस के अंतर्गत खान एवं भूतत्व विभाग के द्वारा जिलों को दी जाती है। पिछले वर्ष 126 करोड़ इस मद में जिलों को दी गई थी, जिसमें अभी भी 77 करोड़ बची हुई है। मनरेगा के अंतर्गत स्वच्छता मद से भी राशि प्राप्त की जा सकती है। राज्य में 13 आकांक्षी जिले हैं, इस मद से राशि ली जा सकती है या नहीं, इस पर भी विचार करें।निर्देश में कहा गया है कि इन मदों से कितने शौचालयों की सफाई की जा सकती है, इसे सूचीबद्ध करें। शेष राशि विभाग के द्वारा जिलों को उपलब्ध कराया जाएगा।

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