दिल्ली में मीटिंग के कारण पटना में खड़गे का कार्यक्रम रद्द, सिर्फ बक्सर में जनसभा को करेंगे संबोधित
पटना। कांग्रेस पार्टी ने बिहार में अपनी चुनावी तैयारियों को गति देने के लिए बड़े स्तर पर रणनीतिक गतिविधियां शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का पटना दौरा प्रस्तावित था, लेकिन अब यह कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में होने वाली एक जरूरी मीटिंग के कारण पटना का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। हालांकि, खड़गे अब बक्सर में तय कार्यक्रम के अनुसार ‘जय भीम–जय संविधान’ जनसभा को संबोधित करेंगे। बक्सर के दलसागर खेल मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में खड़गे आम जनता, पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से सीधे संवाद करेंगे। इस दौरान वे चुनाव को लेकर फीडबैक लेंगे और आगामी रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे। खड़गे का यह दौरा कांग्रेस की बिहार में गंभीर चुनावी मंशा को दर्शाता है।पार्टी ने बीते कुछ महीनों में संगठनात्मक स्तर पर कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे यह साफ है कि कांग्रेस बिहार में मजबूत वापसी की कोशिश में है। सबसे पहले कृष्णा अल्लावरू को बिहार का प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया गया। इसके कुछ ही दिनों बाद अखिलेश सिंह की जगह राजेश राम को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इन बदलावों के बाद संगठन को नई दिशा देने के उद्देश्य से 40 जिलाध्यक्षों की भी घोषणा की गई, जिनमें 21 नए चेहरे शामिल हैं जबकि 19 पुराने जिलाध्यक्षों को दोबारा मौका दिया गया है। कांग्रेस नेतृत्व ने इन नए नियुक्त जिलाध्यक्षों के साथ 4 अप्रैल को दिल्ली में बैठक भी की, जिसमें राहुल गांधी स्वयं मौजूद थे। इससे कांग्रेस के टॉप नेतृत्व की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। बिहार में कांग्रेस की सक्रियता केवल संगठनात्मक स्तर पर ही नहीं, बल्कि जनसंपर्क अभियानों में भी दिख रही है। 7 अप्रैल को बेगूसराय में कन्हैया कुमार द्वारा निकाली गई ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा के समापन कार्यक्रम में राहुल गांधी ने हिस्सा लिया। इससे पहले, 11 मार्च को राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी पटना पहुंचे थे। इन तमाम गतिविधियों से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी बिहार को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी ने अभी से मिशन बिहार की शुरुआत कर दी है। खड़गे की जनसभा और नेताओं से सीधा संवाद इसी रणनीति का हिस्सा है, जिससे पार्टी जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।


