ममता के बाद केजरीवाल ने इंडिया गठबंधन को दिया झटका, पंजाब में अकेले चुनाव लड़ेगी आप

चंडीगढ़। पंजाब की सभी 13 सीटों पर आम आदमी पार्टी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी। इसके लिए अंदरूनी तौर पर आप ने पूरी तैयारी कर ली है। 13 लोकसभा सीटों पर 40 नामों की लिस्ट भी तैयार कर ली गई है। किसी सीट पर 2 तो किसी पर 4 विकल्प भी रखे गए हैं। आप से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कुछ दिन पहले दिल्ली में हुई मीटिंग में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले को हरी झंडी दी है। इस मीटिंग में आप के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान और कई सीनियर नेता मौजूद थे। आप इस फैसले को विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की मीटिंग में भी रखेगी। पंजाब सीएम भगवंत मान पहले ही 13-0 से जीतने की बात कह चुके हैं। वह लगातार अलग चुनाव लड़ने की पैरवी कर रहे हैं। हालांकि अकेले चुनाव लड़ने के फैसले की अभी आप ने औपचारिक पुष्टि नहीं की है। आम आदमी पार्टी ने प्रत्येक सीट से कैंडिडेट के 3 विकल्प चुने हैं। अब इन उम्मीदवारों को लेकर पार्टी अपना सर्वे करवाएगी। साथ ही जो उम्मीदवार लोगों की पसंद हैं, उन्हें टिकट दी जाएगी। राज्य सरकार कुछ मंत्रियों सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को संसदीय चुनाव लड़ने के लिए कह सकती है। साथ ही युवाओं और महिलाओं को चुनाव में महत्व दिया जाएगा। हालांकि जालंधर से कांग्रेस छोड़ आप के लोकसभा सांसद बने सुशील रिंकू की टिकट पक्की मानी जा रही है। लोकसभा चुनाव में एकसाथ न उतरने के पीछे कई वजह हैं। क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद पंजाब में निकाय और पंचायत चुनाव भी होने तय हैं। अगर, यह दोनों दल इकट्‌ठे चुनावी मैदान में जाते हैं, तो उसका असर उन पर पड़ सकता है। आप जहां पंजाब में सत्ता में है तो कांग्रेस विपक्षी दल है। अगर यह दोनों इकट्‌ठे हो जाते हैं तो विपक्षी दल इस मुद्दे को गंभीरता से उठाएंगे। ऐसे में दोनों दल किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहते हैं।
कांग्रेस भी अकेले लड़ने की बात कह रही
पंजाब में कांग्रेस भी आप से गठजोड़ को राजी नहीं है। सिर्फ नवजोत सिद्धू की इसका सपोर्ट कर रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस संगठन से लेकर बड़े नेता भी इस बात का विरोध कर रहे हैं कि आप से गठबंधन कर चुनाव लड़ा जाए। कांग्रेस पंजाब में उम्मीदवारों की तलाश में भी जुट चुकी है। पार्टी के सीनियर नेता तीन दिन में छह लोकसभा क्षेत्रों में जाकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। आज जालंधर ओर होशियारपुर में मीटिंग रखी गई। जबकि इससे पहले लुधियाना और संगरूर की मीटिंग हो चुकी है। पहले उन क्षेत्रों पर नजर है। जहां पर पार्टी के पास उचित उम्मीदवार नहीं हैं।

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