भूमि सर्वेक्षण में कैथी लिपि की समस्या के लिए यूपी से आएंगे अनुवादक, जमीन मालिकों की मदद करेंगे सीओ

पटना। जमीन के दस्तावेज पढ़ने के लिए बिहार में प्रयाप्त संख्या में कैथी के जानकार नहीं हैं। सरकार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू तो कर दिया है, लेकिन जानकारों का कहना है कि इतनी जल्दी लिपि की विशेषज्ञता हासिल करना संभव नहीं है। ऐसे में अब यूपी से कैथी के जानकारों को बिहार बुलाया जा रहा है। बिहार और पूर्वी यूपी में जमीन के पुराने दस्तावेज कैथी लिपि में ही हैं। अगले कुछ दिनों में यूपी से कैथी लिपि के विशेषज्ञ जमीन के दस्तावेज पढ़ने बिहार आयेंगे। बिना तैयारी जमीन सर्वे का काम शुरू करने के बाद बिहार सरकार अब बैकफुट पर है। सर्वे का काम तीन माह के लिए टाल दिया है। सरकार को अब जाकर महसूस हुआ कि यह काम उतना आसान नहीं है, जितना वो समझ रही थी। कैथी लिपि को लेकर सरकार अब गंभीर हुई है। पहले अपने कर्मचारियों को इस लिपि का प्रशिक्षण देने की बात कही, लेकिन इतनी जल्दी यह लिपि का जानकार होना भी संभव नहीं दिखा। बिहार में 20 अगस्त से जमीन के सर्वे का काम चल रहा था, लेकिन तीन महीने के लिए नीतीश सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। अब तीन महीने के बाद ही फिर से बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। सरकार के इस फैसले के बाद रैयतों में खुशी है। रैयतों को अब कागजात पढ़ने और खोजने के लिए वक्त मिल गया है। कार्यालय का चक्कर लगा रहे लोगों ने सरकार के इस फैसले को सही करार दिया है। जमीन के रैयतों को तीन माह का समय कागजात बनाने के लिए दिया गया है।
सीओ करेंगे रैयतों की परेशानी दूर
मामला केवल कैथी लिपि नहीं पढ़ पाने तक ही सिमित नहीं है। कई रैयतों को उनका खतियान नहीं मिल रहा है। कई रैयतों का शिकायत है कि रजिस्टर-2 का पन्ना फटा हुआ है। ऐसे में उनकी जमीन के दस्तावेज का नकल निकालना मुश्किल हो रहा है। सरकार ने ऐसी तमाम दिक्कतों को सुलझाने के लिए सीओ को निर्देशित किया है। सीओ अब रैयतों को कागजात तैयार करने में आ रही परेशानी को दूर करेंगे।
मंत्री के बयान से रैयतों को राहत
तीन माह की मोहलत वाली बात बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने पूर्णिया में शनिवार को दी थी। उन्होंने कहा था कि लोगों को जमीन का कागजात जुटाने में कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। रैयतों को भारी परेशानी हो रही है। उनकी इस परेशानी को देखते हुए सरकार ने उन्हें तीन महीने का मोहलत दिया है। इस अवधि में वो अपने-अपने जमीन का कागजात तैयार कर ले जिससे जमीन का सर्वेक्षण करने में किसी तरह की समस्या ना हो।
