क्योटो नहीं बनी काशी, अब पटना-मोतिहारी-गया के लिए फिर परोसे गए सपने बासी: राजेश राम
पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर बिहार आए और अपने बड़बोले भाषणों और झूठे वादों की भरमार कर गए। ये कोई नई बात नहीं है — इसकी शुरुआत उन्होंने 2014 में ही कर दी थी, जब मोतिहारी की बंद चीनी मिल को चालू कराने का वादा किया था। मगर आज तक वह वादा अधूरा है। सवाल है — उस झूठ पर माफ़ी माँगने की जगह क्या अब आप नया झूठ परोसने आए हैं? ये बातें बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोतिहारी दौरे और वादों पर तंज कसते हुए कही।.प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि आज पीएम मोदी ने एक और सपना दिखाया — “मुंबई जैसा मोतिहारी होगा, पुणे जैसा पटना और गुरुग्राम जैसा गयाजी।”.आपका ये भाषण सुनते ही बनारस, जहाँ से आप सांसद हैं, वहाँ के लोग पूछने लगे हैं — “काशी को क्योटो बनाने के वादे का क्या हुआ?।सच तो ये है कि जेडीयू-बीजेपी की सत्ता की सरपरस्ती में बिहार को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया गया है।बेतहाशा पलायन, बेइंतहा ग़रीबी और बेशुमार अपराध — यही आपकी सरकार की देन रही है। आज आपने बिहार के युवाओं के सामने एक और झाँसा रखा 1 अगस्त से पहली बार प्राइवेट कंपनी में नौकरी पाने वाले को ₹15,000 की सहायता मिलेगी। सरकार इसके लिए ₹1 लाख करोड़ खर्च करेगी। चलिए मान लेते हैं कि युवा कांग्रेस के 19 जुलाई को होने वाले रोजगार मेले ने आपको इतना डरा दिया कि आपने आनन-फानन में एक और ‘नौकरी जुमला’ दे डाला। लकिन बिहार का युवा अब सवाल पूछता है आपने ऐसा ही वादा 2024-25 के केंद्रीय बजट में भी किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उस बजट में पीएम इंटर्नशिप स्कीम की घोषणा की थी, जिसके तहत अगले पाँच वर्षों में लगभग 1 करोड़ युवाओं को लाभ देने की बात कही गई थी। इस योजना के तहत हर इंटर्न को 5,000 मासिक भत्ता (12 माह तक) और एकमुश्त 6,000 सहायता राशि देने का वादा किया गया था।.मगर इस स्कीम का हश्र क्या हुआ?F Y 2024-25 के पायलट प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों को 6.2 लाख से अधिक आवेदन मिले। मगर केवल 28,000 युवाओं को ही इंटर्नशिप मिली। योजना के लिए ₹2,000 करोड़ का शुरुआती बजट तय किया गया था, मगर मात्र ₹48 करोड़ ही खर्च हो सके। नाम बड़े और दर्शन खोटे। बिहार जानता है कि सिर्फ भाषणों से पेट नहीं भरता, और जुमलों से रोजगार नहीं आता।


