December 10, 2025

पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की एकदिवसीय हड़ताल; चार महीने से स्टाइपेंड नहीं मिलने के बाद उठाया कदम, ओपीडी बंद

पटना। पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टर सोमवार सुबह करीब 3 घंटे तक हड़ताल रहे। 4 महीने से इंटर्नशीप के दौरान सैलरी (स्टाइपेंड) नहीं मिला है, जिसको लेकर कैंपस में प्रदर्शन किया। प्रिंसिपल दफ्तर के बाहर प्रोटेस्ट कर रहे जूनियर डॉक्टरों को स्टूडेंट सेक्शन के हेड राजीव सिंह ने समझाने की कोशिश की, लेकिन उनकी बातों से आश्वस्त नहीं थे। सभी का कहना है कि हमारे साथ दोहरी नीति अपनाई जा रही है। बिहार के दूसरे कॉलेजों में एक दो बार नहीं कई बार स्टाइपेंड मिल चुका है। स्टाइपेंड नहीं मिलने से जूनियर डॉक्टरों को अपने खर्च का भार उठाने में परेशानी आ रही है। अपनी मांगों को लेकर ओपीडी सेवा को दो से तीन घंटों के लिए ठप कर दिया। जिसके बाद दूर-दराज से आए मरीजों को परेशानी होने लगी। पीएमसीएच की व्यवस्था चरमरा गई। फिर जूनियर डॉक्टरों और पीएमसीएच के अधीक्षक इंद्रशेखर ठाकुर के बीच बातचीत हुई। समस्या के समाधान के लिए अधीक्षक ने दो दिन का समय लिया है। डॉक्टर चंदन ने बताया कि आज का प्रोटेस्ट इसलिए है कि पिछले चार महीने से हम लोगों को इंटर्नशीप का पैसा नहीं मिला है। बिहार के बाकी कॉलेजों में पेमेंट मिला है। सिर्फ पीएमसीएच इकलौता कॉलेज है, जहां स्टाइपेंड नहीं मिला है। चंदन ने ये भी बताया कि जब सुपरिटेंडेंट से स्टाइपेंड को लेकर पूछने गए कि आखिर पेमेंट क्यों नहीं आया है, तो उन्होंने कहा कि फंड ही नहीं आया है। फाइल अटका हुआ है। चंदन ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आखिर ऐसे कैसे हो सकता है। बाकी के कॉलेजों में आ गया और यहां सबसे बड़े कॉलेज पीएमसीएच में नहीं आया। 10 बार से अधिक सुपरिटेंडेंट से मिले, आश्वासन के अलावा अभी तक कुछ नहीं मिला। अब परेशान हो गए हैं। सुबह में कुछ देर के लिए ओपीडी सेवा हम लोगों ने रोकी थी। जिसके बाद सुपरिटेंडेंट आए थे, दो दिनों में पेमेंट कराने का आश्वासन दिया है। चार महीने से पेमेंट नहीं मिला है। ये भेद केवल पीएमसीएच के छात्रों के साथ किया जा रहा है, बिहार के दूसरे कॉलेजों में दो बार तीन बार पेमेंट दिया जा चुका है। पेमेंट नहीं मिलने से छात्रों को काफी परेशानी आ रही है। चार महीने से पेमेंट रोक कर रखा गया है। दो दिनों का सुप्रीटेंडेंट साहब की ओर से आश्वासन मिला है। दो दिन वेट करते हैं, अगर नहीं मिलेगा तो फिर आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे। कुछ घंटों की हड़ताल में दूर दराज से आए मरीजों को भारी परेशानी होने लगी।

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