इनसाइड स्टोरी-जो लालू-राबड़ी सरकार में नही हुआ,तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार में करवा कर दिखा दिया

पटना।(बन बिहारी)गोपालगंज के रूपनचक गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड के मामले में पुलिस ने बाहुबली सतीश पांडे तथा उनके जिला परिषद अध्यक्ष पुत्र मुकेश पांडे को गिरफ्तार कर लिया है।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले में आरोपी जदयू विधायक अमरेंद्र पांडे उर्फ पप्पू पांडे की गिरफ्तारी के लिए सरकार को अल्टीमेटम दिया है।मगर यह जानकर आश्चर्य होगा कि बाहुबली सतीश पांडे को लालू-राबड़ी शासनकाल मतलब 1990 से 2005 के दौरान कई बड़े मामलों में मोस्टवांटेड होते हुए भी बिहार पुलिस कभी गिरफ्तार नहीं कर सकी थी।कहा तो यहां तक जाता है की 90 के आखिरी दौर में ही गोपालगंज में बाहुबली सतीश पांडे की समानांतर सत्ता कायम हो गई थी। 1999 में मीरगंज में भरे बाजार दरोगा की हत्या की गई थी।जिसमें सतीश पांडे का नाम मुख्य रूप से सामने आया था।राबड़ी देवी की सरकार थी।तब बिहार पुलिस और एसटीएफ के संयुक्त एक्शन के बावजूद उस समय पुलिस सतीश पांडे को गिरफ्तार करने में नाकामयाब रही।दरोगा हत्याकांड के पूर्व भी सिवान-गोपालगंज में कई बड़े आपराधिक वारदातों में सतीश पांडे की संलिप्तता सामने आई थी। बावजूद पुलिस सतीश पांडे गिरोह के सामने फिसड्डी बनी रही।1998 में पूर्व मंत्री वृज बिहारी हत्याकांड,जिससे पूरा बिहार दहल गया था,उस हत्याकांड में भी गोपालगंज के इस बाहुबली का नाम सीबीआई ने आरोप पत्र में शामिल किया था।उस कांड में शामिल कई बड़े आरोपी पूर्व संसद सुरजभान सिंह,पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला,पूर्व विधायक राजन तिवारी, ललन सिंह, कैप्टन सुनील,मंटू तिवारी,पूर्व विधायक भूपेंद्र दुबे आदि सभी गिरफ्तार कर लिए गए थे।मगर पुलिस तथा सीबीआई दोनों मिलकर भी बाहुबली सतीश पांडे को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी।सिवान तथा गोपालगंज में घटित चाड़ी,ताहिरा तथा पुरखास नरसंहार में भी सतीश पांडे गिरोह का नाम प्रमुखता से सामने आया था।ताहिरा नरसंहार के बाद तो यह कहा जाता है की इस घटना के बाद राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मौका ए वारदात का स्वयं मुआयना किया था।तीन जिलों के डीएम तथा एसपी को गिरफ्तारी हेतु सख्त निर्देश दिया गया था।बावजूद सतीश पांडे तब भी गिरफ्तार नहीं किए जा सके।मगर आज जब रुपनचक गांव में राजद कार्यकर्ता जेपी राय तथा उनके परिजनों पर गोलियां चलीं,तीन की मौत हुई,दो बुरी तरह जख्मी हुए।घायल के द्वारा नामजद प्राथमिकी के आधार पर गोपालगंज पुलिस ने बाहुबली सतीश पांडे तथा उनके जिला परिषद अध्यक्ष पुत्र मुकेश पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया।पूरे प्रकरण की समीक्षा से यह बात सामने आती है की लालू-राबड़ी शासनकाल में एक तरफ इतनी बड़ी घटनाओं को अंजाम देने के बावजूद सतीश पांडे को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। वहीं आज नीतीश सरकार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आक्रामक रुख ने सरकार को इस बाहुबली पर कार्रवाई करने के लिए विवश कर दिया।उल्लेखनीय है कि बाहुबली सतीश पांडे के भाई अम्रेंद्र पांडे उर्फ पप्पू पांडे 2005 से अब तक जदयू के विधायक रहे हैं।पहले तो कटैया विधानसभा क्षेत्र से जीते थे।फिलहाल कुचायकोट से विधायक हैं।नीतीश सरकार में ही 2010 के अप्रेल में बाहुबली सतीश पांडे ने गोपालगंज के तत्कालिन डीएम कुलदीप नारायण के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।लगभग 5 वर्षों तक जेल में रहने के उपरांत 2015 में अधिकांश केसो में रिहा हो होने के बाद जेल से बाहर आए थे।

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