जीतनराम मांझी का आरजेडी पर हमला, कहा- हमारी सिक्सर की छह गोलियां चलेगी, बिहार में नहीं आएगा जंगलराज
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के मतदान के बाद राज्य की सियासत और भी गरमा गई है। मंगलवार को मतदान खत्म होने के साथ ही एग्जिट पोल्स के नतीजे सामने आने लगे हैं, जिनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाया गया है। इन अनुमानों ने एनडीए खेमे में उत्साह का माहौल बना दिया है। इसी बीच हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में विपक्ष पर तंज कसते हुए एक बयान जारी किया है, जिसने राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज कर दी है।
मांझी का सिक्सर बयान, विपक्ष पर व्यंग्य
मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने अंदाज में कहा, “सिक्सर में छह गोली होती हैं और हमारे छह उम्मीदवार सिक्सर के उसी कारतूस जैसे हैं जो किसी भी कीमत पर बिहार में जंगलराज की वापसी नहीं होने देंगे।” उन्होंने आगे लिखा, “पहली गोली जंगलराज पर, दूसरी गोली भय और पक्षपात पर, तीसरी गोली भ्रष्टाचार पर, चौथी गोली दलित अत्याचारियों पर, पांचवीं गोली अपराध पर और छठी गोली नफरत और अंधेरे पर।” उनका यह बयान न केवल उनके राजनीतिक विरोधियों पर तंज था, बल्कि यह एनडीए की जीत के प्रति उनके आत्मविश्वास को भी दर्शाता है। मांझी ने लिखा, “बिहार के विकास के लिए एनडीए तय है। धन्यवाद बिहार, धन्यवाद बिहार के मतदातागण।”
एनडीए में जश्न का माहौल
एग्जिट पोल्स के मुताबिक, बिहार में एनडीए को दोबारा सत्ता में आने का अनुमान है। ज्यादातर सर्वेक्षणों ने एनडीए को स्पष्ट बहुमत दिया है, जबकि महागठबंधन और जन सुराज पार्टी पिछड़ती नजर आ रही हैं। ‘मेट्राइज एग्जिट पोल’ के अनुसार, एनडीए को 147 से 167 सीटें, महागठबंधन को 70 से 90 सीटें और जन सुराज को 0 से 2 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। वहीं, ‘दैनिक भास्कर सर्वे’ ने एनडीए को 145 से 160 और महागठबंधन को 73 से 91 सीटों के बीच रखा है। ‘पीपल्स इनसाइट’ के सर्वे में एनडीए को 133 से 148 सीटें और महागठबंधन को 87 से 102 सीटें मिलने का अनुमान है। ‘पीपल्स पल्स’ सर्वे ने एनडीए को 133 से 159, इंडिया गठबंधन को 75 से 101 और जन सुराज को 0 से 5 सीटों तक बताया है। इसके अलावा ‘जेवीसी पोल’ और ‘पोलस्ट्रैट’ ने भी एनडीए को बढ़त दी है। इन आंकड़ों के बाद एनडीए खेमे में जश्न का माहौल है। भाजपा और जदयू के साथ-साथ हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता इसे जनता के विश्वास की जीत बता रहे हैं।
“बिहार ने विकास को चुना, न कि भ्रम को”
मांझी ने अपने बयान में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता ने इस बार विकास, स्थिरता और सुशासन के पक्ष में वोट दिया है। उन्होंने कहा कि “लोग अब जात-पात की राजनीति से ऊपर उठ चुके हैं। जनता ने समझ लिया है कि बिहार को आगे बढ़ाने के लिए मजबूत नेतृत्व और स्थिर सरकार की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार ने राज्य में शिक्षा, सड़क, बिजली और महिलाओं की सुरक्षा के क्षेत्र में जो काम किए हैं, उसी का परिणाम है कि जनता ने फिर से एनडीए पर भरोसा जताया है।
विपक्ष पर सीधा हमला
मांझी ने अपने बयान में यह भी कहा कि विपक्षी दल बिहार को फिर से उस दौर में ले जाना चाहते हैं जब राज्य में अराजकता, भय और अपराध का माहौल था। उन्होंने कहा, “महागठबंधन के नेता सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन बिहार की जनता ने अब ठान लिया है कि जंगलराज की वापसी नहीं होने देंगे। हमारी सिक्सर की छह गोलियां उसी जंगलराज को खत्म करने के लिए चलेंगी।” उन्होंने तेजस्वी यादव और महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष केवल वादे करता है लेकिन काम नहीं करता। “वोट से पहले वे गरीबों के हितैषी बनते हैं, लेकिन सत्ता में आते ही जनता की भलाई भूल जाते हैं,” मांझी ने कहा।
एग्जिट पोल को लेकर विपक्ष का विरोध
जहां एनडीए के नेता एग्जिट पोल्स को जनता का भरोसा बता रहे हैं, वहीं विपक्षी महागठबंधन ने इन आंकड़ों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के नेताओं ने कहा है कि ये सर्वे “हकीकत से कोसों दूर” हैं। उनका कहना है कि असली नतीजे 14 नवंबर को आएंगे और तब सच्चाई सामने होगी। राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने पहले ही कहा था कि “एग्जिट पोल भाजपा की साजिश हैं, जिनका उद्देश्य मतगणना के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाना है।”
मांझी का आत्मविश्वास और एनडीए की तैयारी
मांझी के बयान से स्पष्ट है कि एनडीए इस बार अपनी जीत को लेकर बेहद आश्वस्त है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के छह उम्मीदवारों में से ज्यादातर सीटों पर मुकाबला कड़ा बताया जा रहा है, लेकिन मांझी का कहना है कि उनकी पार्टी एनडीए की मजबूती का हिस्सा है और उनके प्रत्याशी निर्णायक भूमिका निभाएंगे। मांझी ने कहा कि “हमने हमेशा गरीबों, दलितों और पिछड़ों की आवाज उठाई है। एनडीए की सरकार ने भी इन्हीं तबकों को सशक्त करने का काम किया है। अब जनता ने तय कर लिया है कि बिहार का भविष्य विकास और स्थिरता के रास्ते पर ही चलेगा।”
एग्जिट पोल ने बढ़ाई सियासी हलचल
बिहार के एग्जिट पोल परिणामों ने एक बार फिर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। जहां एनडीए आत्मविश्वास से भरा हुआ है, वहीं महागठबंधन और जन सुराज अपने-अपने समर्थकों को यह भरोसा दिलाने में जुटे हैं कि असली फैसला जनता का होगा, जो 14 नवंबर को सामने आएगा। एनडीए के नेताओं ने दावा किया है कि जनता ने जातीय समीकरणों से ऊपर उठकर विकास के मुद्दे पर वोट किया है। वहीं, विपक्ष ने कहा है कि ये आंकड़े केवल “मनोवैज्ञानिक खेल” हैं, जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बाद एनडीए और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। लेकिन जीतन राम मांझी का “सिक्सर” वाला बयान इस चुनावी जंग का सबसे चर्चित बयान बन गया है। उनके बयान ने न केवल एनडीए के आत्मविश्वास को दिखाया, बल्कि विपक्ष को सीधे चुनौती भी दी है कि बिहार अब विकास की राह से पीछे नहीं जाएगा। अब राज्य की निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं — जब मतगणना के नतीजे यह तय करेंगे कि बिहार में एनडीए की वापसी होती है या महागठबंधन एक नया इतिहास रचता है। लेकिन फिलहाल, एनडीए के खेमे में मांझी की “छह गोलियों” की गूंज सुनी जा रही है।


