डान की तलाश में झारखंड एसटीएफ पहुंची पटना, नक्सली के पकड़े जाने के बाद मिला पटना और सारण कनेक्शन

bullets from the gun placed on a black wooden table
पटना। सेना की गोलियां खरीद अपराधियों को सप्लाई करने के मामले में झारखंड एसटीएफ की टीम रांची से पटना पहुंची है। टीम को उस डान की तलाश है, जिसने पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र के एक होटल में बैठकर गिरफ्तार बीएसएफ जवान से हजारों चक्र गोलियां खरीदी थीं। उन गोलियों को सप्लाई कहां और किसे की गई, इसका पता लगाया जा रहा है। इनमें पिस्टल से लेकर एके-47 तक के कारतूस शामिल थे। हालांकि इस कार्रवाई को बिहार और झारखंड दोनों ही राज्यों की पुलिस ने गुप्त रखा है।
बताया जाता है कि कोतवाली पुलिस को जानकारी दिए बगैर टीम होटल पहुंची और आगंतुक रजिस्टर की फोटो कापी कर साथ ले गई। पुलिस सूत्रों की मानें तो पिछले साल दिसंबर में झारखंड एसटीएफ ने एक नक्सली को पकड़ा था, जिसकी निशानदेही पर धनबाद से उपेंद्र कुमार की गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तार नक्सली ने बताया था कि उपेंद्र ने ही उसे कारतूस दिए थे।
वहीं उपेंद्र ने पकड़े जाने के बाद अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया था कि वह बिहार के सारण जिले के सोनपुर स्थित शाहपुर गांव निवासी अरुण सिंह को गिरफ्तार किया था। वह बीएसएफ का जवान था। झारखंड में तैनाती के दौरान उसकी पहचान हजारीबाग के एक अपराधी से हुई थी। उसी ने पटना के डान से उसकी मुलाकात कराई थी। इसके बाद बीएसएफ जवान अरुण उसे 100 रुपये की दर से सरकारी गोलियां बेचने लगा। डान ने कोतवाली थाना इलाके के एक होटल में बुलाकर उसे उपेंद्र से मिलाया था। तब से उपेंद्र भी उसका खरीदार बन गया। अरुण ने पूछताछ में बताया था कि डान होटलों में बुलाकर गोलियों की सप्लाई लेता था। इसके बाद वह गोलियों को कहां और किसे बेचता था, इस बारे में उसे कुछ नहीं पता। मालूम हो कि उपेंद्र के घर में छापेमारी के दौरान हथियार भी मिले थे।
