मणिपुर हिंसा मामले में जदयू ने प्रधानमंत्री को घेरा, सोशल मीडिया पर पूछा, आखिर उनका मौनव्रत कब टूटेगा

पटना। मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की घटना हुई। कांगपोकपी जिले में सशस्त्र हमलावरों ने एक मारुति जिप्सी पर घात लगाकर हमला किया। इस हमले में इंडिया रिजर्व बटालियन आईआरबी के एक जवान और एक अन्य शख्स की मौत हो गई। बता दें कि तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद भड़की हिंसा में अबतक 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इसको लेकर जनता दल यूनाइटेड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया है। मीडिया एक्स पर जदयू ने अपने ऑफिशियल अकाउंट से पोस्ट करते हुए पीएम मोदी पर हमला किया है। जदयू ने कहा कि मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है और प्रधानमंत्री जी चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। मणिपुर पर कब टूटेगा मोदी जी का मौन व्रत? सोमवार को एक वाहन में जवान और शख्स यात्रा कर रहे थे। तभी राज्य के बहुसंख्यक समुदाय से संबंधित संदिग्ध उग्रवादी समूह के लोगों ने हाराओथेवल और कोब्शा गांवों के बीच गाड़ी पर घात लगाकर हमला कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक, घटना में मारे गए दो लोगों में से एक इंडिया रिजर्व बटालियन का कर्मी था।
छह महीने से जल रहा मणिपुर
3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकाला। ये रैली चुरचांदपुर के तोरबंग इलाके में निकाली गई। ये रैली मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ निकाली गई थी। मैतेई समुदाय लंबे समय से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रही है। इसी रैली के दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे। शाम तक हालात इतने बिगड़ गए कि सेना और पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियों को तैनात करना पड़ा।
